Sand Mining in Bihar बिहार में मानसून के समय बालू की कमी नहीं होगी। राज्य सरकार ने इसको लेकर वैकल्पिक व्यवस्था कर ली है। खान एवं भूतत्व विभाग ने सेकेंडरी लोडिंग स्थलों पर बालू का भंडारण किया है। बालू की मात्रा मापी के लिए सरकार इस दफा ड्रोन की मदद ले रही है।
Sand Mining in Bihar: बिहार में बालू खनन पर लगी रोक, जानें कैसे मिलेगा बालू? बिहार में बालू खनन 15 अक्टूबर तक सभी घाटों पर बंद रहेगा। खनन विभाग ने पर्यावरण संरक्षण और प्रभावी खनन प्रबंधन को सुनिश्चित करने के उदेश्य से यह फैसला लिया है। खनन विभाग के अनुसार 15 जून से लेकर 15 अक्टूबर तक की अवधि में बालू की बिक्री केवल सेकेंड्री लोडिंग प्वाइंट्स और लाइसेंसधारक कर सकेंगे। ताकि आम जनता और कार्य विभागों को बालू की आपूर्ति में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो।
19 जून को पटना में सभी जिला खनन पदाधिकारियों की बैठक होगी। बैठक में वैध खनन को सुगम बनाने और आम जनता को किसी प्रकार की कोई भी असुविधा नहीं हो इसको लेकर बैठक होगी। बता दें कि खनन विभाग की ओर से मानसून के दौरान बालू की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उदेश्य से खनन पदाधिकारियों का नंबर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है। किसी भी आम नागरिक को बालू की समस्या होने पर वे उनसे संपर्क कर समस्या शेयर कर सकते हैं।
संचालित और असंचालित घाटों तथा सेकेंड्री लोडिंग पॉइंट्स की खनन विभाग की ओर से ड्रोन वीडियोग्राफी करया जायेगा। विभाग का मानना है कि ड्रोन की मदद से नदियों में बालू के पुनर्भरण का सटीक आकलन हो सकेगा। जिससे आगामी वर्षों में घाटों की नीलामी और बंदोबस्ती को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सके। इसके अतिरिक्त विभाग ने भारत सरकार की एजेंसी सीएमपीडीआई से बालू पुनर्भरण अध्ययन कराने के लिए मंत्रिपरिषद से प्रस्ताव स्वीकृत कराया है। यह अध्ययन वैज्ञानिक और निष्पक्ष तरीके से बालू के पुनर्भरण का आकलन करेगा, जिससे खनन प्रक्रिया को और सुदृढ़ किया जा सकेगा।