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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने खोला खजाना, 2944 किमी ग्रामीण सड़कों के निर्माण का लिया फैसला

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने अपना खजाना खोल दिया है। रविवार को सरकार प्रदेश में 2944 किमी ग्रामीण सड़कों के निर्माण का फैसला लिया है।

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NH

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की नीतीश सरकार फटाफट लंबित योजनाओं को अमली जामा पहनाने में लगी है। रविवार को ग्रामीण विकास विभाग की ओर से मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना (एमएमजीएसयूवाई) के तहत बिहार 2944 किमी सड़कों के निर्माण का सरकार ने फैसला लिया है। विभाग की ओर से इसकी प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है। इन सभी का निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा। इसके बनने के बाद प्रदेश में मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़कों की संख्या 824 हो जायेगा है। अब तक इस योजना के तहत 445 सड़कों का निर्माण कार्य हो चुका है। उनकी कुल लंबाई 2148 किलोमीटर है।

विकास से जुड़ेंगे गांव

बिहार सरकार के स्तर से ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में चलाई जा रही इस सड़क निर्माण योजना से सिर्फ सड़कों का ही विकास नहीं हो रहा, बल्कि यह गांवों की आर्थिक धड़कन, रोज़गार का ज़रिया और सामाजिक सशक्तिकरण की एक मजबूत कड़ी बन चुकी है। इन सड़कों ने हजारों गांवों की सूरत बदली है। अब हर मौसम में गांवों को निर्बाध संपर्क, बाजारों तक आसान पहुंच, स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों तक सरल आवागमन जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रदान की हैं।

रोजगार के बढ़ेंगे अवसर

इस योजना के कार्यान्वयन से स्थानीय स्तर पर रोजगार के हजारों अवसर उत्पन्न हुए हैं। कृषि उत्पादों को बड़ा बाजार मिला है। आसान पहुंच से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नगदी प्रवाह बढ़ा है और ग्रामीण परिवारों की आय पर सीधा असर पड़ा है।
नई सड़कों ने किसानों को अपनी फसलें अब समय पर बाजारों तक पहुंचाने का रास्ता दिया है। इससे कृषि उपज गुणवत्ता के साथ बाजारों में पहुंच रहे हैं इससे किसानों को उचित मूल्य मिलने लगे हैं। ग्रामीण इलाकों में छोटे व्यापार, दुग्ध व्यवसाय और ग्रामीण पर्यटन जैसे क्षेत्र भी इससे लाभान्वित हुए हैं।

मधुबनी, समस्तीपुर दरभंगा, पश्चिम चंपारण और गया अग्रणी

समस्तीपुर137.36 किमी
मधुबनी135.36 किमी
दरभंगा115.48 किमी
गया110.79 किमी
पश्चिम चंपारण88.86 किमी

हर सड़क है विकास की रेखा

ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना (एमएमजीएसयूवाई) गांवों की जीवनरेखा बन गई है। यह योजना रोज़गार, शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक विकास से सीधे जुड़ी है। ग्रामीणों को अब वह सड़क मिली है जो उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ रही है। आने वाले महीनों में शेष सड़कों का निर्माण भी तेजी से पूरा कर लिया जाएगा।