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बिहार विधानसभा चुनाव: बीजेपी से क्यों नाराज हैं बिहार के राजपूत, पढ़िए रूडी से लेकर आर के सिंह तक की कहानी

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह के एक बयान के बाद बिहारकी सियासी सरगर्मी को बढ़ा दिया है। आरके सिंह के इस बयान को बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी के बयान से जोड़कर देखा जा रहा है। इसके साथ ही इसकी चर्चा तेज हो गई है कि बिहार में बीजेपी से राजपुत नाराज हैं।

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बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी एक साथ कई मोर्चे पर लड़ रही है। विपक्ष के तल्ख तेवर, गठबंधन में घटक दलों के बीच सीटों को लेकर विवाद। पार्टी इसका हल खोजती इससे पहले परंपरागत वोटर भी अब आंख दिखाने लगे हैं। हालांकि पार्टी हाई कमान इन सभी चीजों पर अपनी पैनी नजर रखे हुए हैं। पार्टी के नेताओं का कहना है कि शीघ्र ही इसका हल निकाल लिया जायेगा। चुनावी सरगर्मी के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह के एक बयान के बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि बिहार में बीजेपी के परंपरागत वोटर राजपूत बीजेपी से नाराज हैं। इस बात का हवा पूर्व केंद्रीय मंत्री के एक बयान के बाद बढ़ गया है।

अपनी ही पार्टी पर लगाया गंभीर आरोप

आर के सिंह ने प्रशांत किशोर के आरोप की चर्चा कर बिहार के डिप्टी सीएम और बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को कठघरे में खड़ा कर दिया। प्रशांत किशोर ने दोनों बीजेपी नेता समेत बीजेपी सांसद संजय जायसवाल जेडीयू नेता अशोक चौधरी पर गंभीर आरोप लगाया है। आरके सिंह ने प्रशांत किशोर के आरोपों की चर्चा करते हुए बीजेपी नेताओं को इसका जवाब देना चाहिए। आरके सिंह के इस बयान के बाद बिहार का राजनीतिक तापमान बढ़ गया है।

राजीव प्रताप रूडी पार्टी में साइडलाइन

बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी भी इन दिनों पार्टी में साइडलाइन चल रहे हैं। राजीव प्रताप दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के चुनाव में बीजेपी के पूर्व सांसद संजीव बालियान के खिलाफ लड़े थे। रूडी यह चुनाव जीत गए। लेकिन, इसके बाद से वे अपने ही पार्टी के नेताओं के निशाने पर हैं। बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने उन पर कई गंभीर आरोप लगाए। हालांकि उन्होंने सभी सवालों का राजीव प्रताप ने जवाब दे दिया था। इस प्रकरण को लेकर उन्होंने अपनी नाराजगी भी जाहिर कर चुके हैं।

राजपूत लंबे समय से दूसरों के लिए सीढ़ी बने हुए हैं

सारण से बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कुंवर सिंह की पुण्यतिथि के मौके पर भी सभी के सामने अपना दर्द शेयर कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि हम (राजपूत) लंबे समय से दूसरों के लिए सफलता की सीढ़ी बने हुए हैं। हमें वे अपने लिए इस्तेमाल करते हैं। हम सभी को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी हमें हल्के में न ले, यह एकजुट होने और अपनी ताकत दिखाने का समय है। रूडी ने राजपूतों की अनदेखी को लेकर इशारों-इशारों में सियासी संदेश देने से नहीं चूके।

बिहार में बीजेपी के 19 राजपूत विधायक

बिहार बीजेपी में राजपूत विधायकों की संख्या 19 है। विधानसभा की कुल संख्या का यह लगभग 24 प्रतिशत है। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने राजपूत से 21 प्रत्याशी उतारे थे। इनमें 16 जीत गए। लगभग 73 प्रतिशत। बाद में दो विधायक वीआइपी से तोड़ लिए और एक उपचुनाव में जीत गए। कुल 19 हो गए।

उत्तर बिहार में 13 में 11 पर जीते

उत्तर बिहार से बिहार बीजेपी ने 13 राजपूतों को टिकट दिया था। इसमें दो हार गए थे और 11 जीत गए थे। हारने वालों में स्‍वीटी सिंह (किशनगंज) और विनय सिंह (सोनपुर) थे। जीतने वालों में विनय बिहारी (लौरिया), राणा रणधीर (मधुबन), नीरज सिंह बबलू (छातापुर), अरुण सिंह (बरुराज), अशोक सिंह (पारु), रामप्रवेश सिंह (बरौली), सुभाष सिंह (गोपालगंज), कर्णजीत सिंह (दरौंदा), जनक सिंह (तरैया), संजय सिंह (लालगंज) और राजेश सिंह (मोहिउद्दीननगर) हैं।

दक्षिण बिहार में दो हारे पांच जीते

दक्षिण बिहार में भाजपा की ओर से आठ राजपूत प्रत्याशी को मैदान में उतारा गया था। इसमें से तीन हारे और पांच जीते। हारने वालों में सत्‍येंद्र सिंह (फतुहा), अशोक सिंह (रामगढ़) और रामाधार सिंह (औरंगाबाद ) हैं। लोकसभा चुनाव के बाद हुए उपचुनाव में अशोक सिंह चुनाव जीत गए। दक्षिण बिहार से बीजेपी के निर्वाचित विधायकों में ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू (बाढ़), राघवेंद्र सिंह (बड़हरा), अमरेंद्र सिंह (आरा), वीरेंद्र सिंह (वजीरगंज) और श्रेयसी सिंह (जमुई) हैं।