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655 फर्जी वोटर मिलने से बिहार की सियासत गरमाई, चुनाव आयोग ने आननफानन बिठाई जांच

10 अगस्त को जो सूची सौंपी गई वह तय फॉर्मे 7 में नहीं थी।

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पटना

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Ashish Deep

Aug 16, 2025

BIHAR SIR का लोकसभा तक में विरोध हो रहा है। ( फोटो सोर्स : ANI)

दरभंगा की मतदाता सूची में 655 डुप्लीकेट नामों के दावे ने सियासी हलचल मचा दी है। बीजेपी के बूथ लेवल एजेंट (BLA) लक्ष्मण कुमार ने आरोप लगाया कि जिले में बड़ी संख्या में लोगों के नाम अलग-अलग जगहों पर दर्ज हैं। उनका कहना है कि इन नामों में अधिकतर अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े लोग हैं। उन्होंने इस संबंध में एक सूची जिला प्रशासन को सौंपी है। चुनाव आयोग फिलहाल बिहार में मतदाता सूची का Special Intensive Revision अभियान चला रहा है। इसी दौरान बीजेपी की ओर से यह आपत्ति दर्ज कराई गई।

आयोग ने साधारण शिकायत के तौर पर लिया

हालांकि, दरभंगा जिला निर्वाचन पदाधिकारी कौशल कुमार ने साफ किया कि 10 अगस्त को जो सूची सौंपी गई थी, वह तय फॉर्मे 7 में नहीं थी, जो किसी भी तरह की आपत्ति या दावा दर्ज कराने के लिए अनिवार्य है। इसलिए आयोग ने इसे एक साधारण शिकायत के तौर पर संज्ञान में लिया। जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि प्राथमिक जांच में भाजपा की सूची और 1 अगस्त को प्रकाशित ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में कई विसंगतियां पाई गईं।

मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा नाम

हालांकि, अधिकारियों की टीम अब पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रही है। अगर वास्तव में किसी व्यक्ति का नाम एक से ज्यादा स्थानों पर पाया जाता है तो नियमों के मुताबिक उसे मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा। SIR के तहत बिहार में नए मतदाताओं को जोड़ा जा रहा है और पुराने रिकॉर्ड को अपडेट किया जा रहा है। इस कड़ी में 1 अगस्त को प्रारंभिक मतदाता सूची जारी की गई थी।

फॉर्म में शिकायत मिलते ही उस पर त्वरित कार्रवाई

आयोग का कहना है कि निर्धारित फॉर्म में शिकायत मिलते ही उस पर त्वरित कार्रवाई की जाती है, लेकिन सामान्य शिकायतों के मामलों में पहले प्रारंभिक जांच की जाती है और उसके बाद ही फैसला किया जाता है। बीजेपी का कहना है कि बड़ी संख्या में डुप्लीकेट नाम चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करते हैं। वहीं चुनाव आयोग का रुख है कि हर शिकायत का निष्पक्ष परीक्षण किया जाएगा और किसी भी गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।