
मिंटा देवी की 124 साल उम्र का केस सामने आने के बाद कांग्रेस सांसदों ने दिल्ली में प्रदर्शन किया। (Photo सोर्स : IANS)
बिहार की ड्राफ्ट मतदाता सूची में 124 साल की उम्र दर्ज होने के बाद पहली बार वोटर बनीं मिंटा देवी ने पूरे विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। मिंटा देवी ने कहा कि चुनाव आयोग ने उन्हें दादी बना दिया। इसमें उनकी क्या गलती? उन्होंने ऑनलाइन ही अपना एन्यूमरेशन फॉर्म भरा था। क्योंकि बूथ-लेवल अधिकारी (BLO) काफी इंतजार के बाद भी नहीं आए। उन्होंने कहा कि उनकी उम्र 35 साल है और वे खुद इस गड़बड़ी पर हैरान हैं। इस बीच, चुनाव आयोग ने 1 अगस्त से 13 अगस्त 2025 तक बिहार के Special Intensive Revision (SIR) की रिपोर्ट जारी की है।
मिंटा देवी का यह बयान ऐसे समय आया है जब विपक्षी सांसदों ने दिल्ली में इस मुद्दे पर जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में सांसदों ने मिंटा देवी का नाम और फोटो वाली टी-शर्ट पहनकर विरोध जताया, जिन पर 124 नॉट आउट लिखा हुआ था। विपक्ष ने इसे चुनाव आयोग की गंभीर लापरवाही और मतदाता सूची में गड़बड़ी बताया।
सिवान जिले के दरौंदा विधानसभा क्षेत्र की मतदाता मिंटा देवी के मामले ने सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में खासा ध्यान खींचा है। जिला प्रशासन का कहना है कि मिंटा देवी से संपर्क कर लिया गया था और गड़बड़ी सामने आने से पहले ही सुधार की कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। प्रशासन के अनुसार, यह गलती बूथ-लेवल एन्यूमरेशन के दौरान हुई और अब सही उम्र दर्ज कर दी गई है।
उधर, 1 अगस्त से 13 अगस्त 2025 तक विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान की दैनिक रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय और राज्य स्तर की राजनीतिक पार्टियों ने अब तक 1,60,813 बीएलए (Booth Level Agents) की सूची जमा की है, लेकिन नाम हटाने या जोड़ने के मामलों में किसी भी पार्टी की ओर से आपत्ति दर्ज कराने का मामला नहीं आया है।
योग्य वोटरों को शामिल करने और अयोग्य मतदाताओं को हटाने के संबंध में अब तक 17,665 आवेदन मिले हैं, जिनमें से 454 मामलों में 7 दिन में हल किया गया है। वहीं, 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले या उससे अधिक उम्र के नए मतदाताओं के नाम दर्ज कराने के लिए 74,525 फॉर्म-6 और घोषणा पत्र जमा हुए हैं। नियमों के मुताबिक आवेदन, दावे और आपत्तियों का निपटान संबंधित ERO/AERO 7 दिन में करते हैं। प्रशासन का कहना है कि मतदाता सूची को एरर फ्री बनाने के लिए फील्ड में विशेष जांच-पड़ताल की जा रही है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बुधवार को चुनाव आयोग (ECI) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ मिलकर बिहार में मतदाता सूची में हेरफेर कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं को एक ही विधानसभा क्षेत्र में दो-दो वोटर नंबर जारी किए जा रहे हैं।
तेजस्वी ने कहा कि पहले हमने इस मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का नाम भी उठाया था। तब हमने कहा था कि यह अपराध है, गलती है या खुलासा, जो भी कहें। लेकिन आज मैं साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि चुनाव आयोग बीजेपी की मदद कर रहा है और विपक्ष के वोट काट रहा है। बीजेपी के लोगों को एक ही विधानसभा में एक नहीं, बल्कि दो EPIC नंबर दिए जा रहे हैं। राजद नेता ने आरोप लगाया कि यह पूरी प्रक्रिया मतदाता सूची में विपक्षी मतों को घटाने और सत्ता पक्ष को फायदा पहुंचाने की मंशा से की जा रही है। उन्होंने चुनाव आयोग से इस मामले में तत्काल जांच और कार्रवाई की मांग की।
Updated on:
13 Aug 2025 11:47 am
Published on:
13 Aug 2025 11:28 am
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