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सीएम नीतीश कुमार के सुरक्षा घेरे में सेंध, Z+ के बावजूद पीला पैकेट लेकर पास पहुंचा शख्स

पटना के शास्त्री नगर पार्क में गुरुवार को पूरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री कि जयंती के अवसर पर सीएम नीतीश की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई। शास्त्री ई को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद सीएम नीतीश के करीब एक व्यक्ति पहुंच गया और उसके हाथ में पीले रंग का पैकेट था। 

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सीएम नीतीश की सुरक्षा में सेंध

सीएम नीतीश की सुरक्षा में सेंध (फोटो- पत्रिका)

बिहार में वीआईपी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। गुरुवार को राज्य के सीएम नीतीश कुमार लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर शहर के शास्त्री नगर थाने पहुंचे थे, जहां वे देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को पुष्पांजलि अर्पित कर रहे थे। इस दौरान उनके सुरक्षा घेरे में एक अज्ञात व्यक्ति घुस गया और हाथ में पीला पैकेट लेकर सीधे मुख्यमंत्री के पास आने लगा। घटना के समय सीएम कुछ पल के लिए चौंक गए। मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत सक्रियता दिखाते हुए व्यक्ति को काबू में लिया और सीएम से दूर कर दिया। हालांकि यह घटना दिखाती है कि सुरक्षा व्यवस्था में कहीं न कहीं गंभीर चूक हुई है।

Z+ सुरक्षा के बावजूद कैसे हुई चूक?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को Z+ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है और उनके आसपास SSG (स्पेशल सिक्योरिटी ग्रुप) के 200 से अधिक प्रशिक्षित कमांडो तैनात रहते हैं। इसके अलावा उन्हें बिहार विशेष सुरक्षा बल अधिनियम 2000 के तहत अतिरिक्त सुरक्षा भी प्राप्त है। कार्यक्रम स्थल पर पहले से ही पुलिस और सादी वर्दी में सुरक्षाकर्मी तैनात थे। इसके बावजूद कोई व्यक्ति सीएम के इतने करीब पहुंच गया। पकड़े गए शख्स से पूछताछ जारी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह कौन था और किस मकसद से पास आया।

सुरक्षा पर सवाल

घटना के बाद राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। वरिष्ठ अधिकारियों ने सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा और आंतरिक जांच के आदेश दिए हैं। जांच का मुख्य बिंदु यह होगा कि सुरक्षा घेरा कैसे टूटा और संबंधित सुरक्षाकर्मियों की तैनाती में क्या चूक हुई। वीआईपी सुरक्षा व्यवस्था में ऐसी चूक से गंभीर खतरा पैदा हो सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि भविष्य में कार्यक्रमों के दौरान अतिरिक्त निगरानी और तकनीकी उपकरणों का प्रयोग करना चाहिए।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। लोग सवाल कर रहे हैं कि चुनावी साल में मुख्यमंत्री की सुरक्षा इतनी असुरक्षित कैसे हो सकती है। कई सुरक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि बिना जांच किसी भी व्यक्ति को सीएम के पास आने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि आगे ऐसी चूक न हो इसके लिए सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल की कड़ी समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा पकड़े गए व्यक्ति से विस्तृत पूछताछ की जा रही है।