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पीएम को गाली देने वाले रिजवी पर देवबंद ला सकता है फतवा, इस मोर्चे ने लिखी चिट्ठी

पत्र में धर्मग्रंथ का हवाला देते हुए कहा गया है कि इस्लाम में माता-पिता को सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है।

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पटना

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Ashish Deep

Sep 01, 2025

Bihar Rally

बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने दारुल उलूम से फतवा जारी करने की मांग की है। (फोटो : पत्रिका)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां हीराबेन पर अभद्र टिप्पणी करने वाले कांग्रेस कार्यकर्ता मोहम्मद रिजवी के खिलाफ विवाद थमता नजर नहीं आ रहा। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने अब देवबंद स्थित दारुल उलूम से फतवा जारी करने की मांग की है। उनका कहना है कि रिजवी का बयान न केवल प्रधानमंत्री और उनके परिवार का अपमान है, बल्कि इस्लामी शिक्षाओं के भी खिलाफ है।

माता-पिता का सम्मान इस्लाम में सर्वोच्च

सिद्दीकी ने देवबंद के प्रमुख मौलाना अब्दुल्ला मुजाहिद सिद्दीकी को लिखे पत्र में कुरान और हदीस का हवाला देते हुए कहा कि इस्लाम में माता-पिता को सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है। कुरान की सूरह अल-इस्रा (17:23) में अल्लाह ने आदेश दिया है कि माता-पिता से नेकी और सम्मान का व्यवहार करो। पैगंबर मोहम्मद ने मां को जन्नत का दरवाजा बताया है। ऐसे में रिजवी का कृत्य न केवल एक परिवार का अपमान है बल्कि समाज में फूट डालने वाला और इस्लामी नैतिकता के खिलाफ है।

विवाद का राजनीतिक असर

यह घटना कांग्रेस-राजद की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान दरभंगा में हुई। रिजवी उर्फ राजा कांग्रेस का स्थानीय कार्यकर्ता है जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। बीजेपी की शिकायत पर दर्ज एफआईआर के बाद दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में झड़प भी हुई थी। कांग्रेस और राजद ने रिजवी की टिप्पणी से खुद को अलग करते हुए कहा कि इसका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन बीजेपी ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव से सार्वजनिक तौर पर माफी की मांग की है।

मुस्लिम समाज की छवि धूमिल हुई

जमाल सिद्दीकी ने कहा कि रिजवी के बयान ने मुस्लिम समुदाय की छवि को आघात पहुंचाया है। फतवा इस व्यक्ति के लिए सुधार का रास्ता होगा और साथ ही समाज में इस्लामी नैतिकता और सम्मान की भावना को मजबूत करेगा।

बीजेपी हथियार बनाने पर तुली

जानकारों का मानना है कि बीजेपी इस पूरे मामले को विपक्षी INDIA गठबंधन के खिलाफ हथियार बनाने की कोशिश कर रही है। पार्टी इसे एक ओर जहां कांग्रेस पर गाली की राजनीति थोप रही है, वहीं मुस्लिम समाज में अपनी पकड़ मजबूत करने का भी प्रयास कर रही है। अगर देवबंद से फतवा आता है तो बीजेपी के लिए यह नैरेटिव और मजबूत होगा कि विपक्ष न केवल प्रधानमंत्री का अपमान करता है, बल्कि मुस्लिम समाज को भी बदनाम करता है।


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