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बिहार की बाढ़, पलायन रोकने, औद्योगीकीकरण बढ़ाने पर चर्चा

बिहार के बुदि्धजीवियों के समूह ने किया मंथन नाटक, भरतनाट्यम, संगोष्ठी, प्रीमियर किए एम्स दरभंगा में देरी पर जताई चिंता

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बिहार की बाढ़, पलायन रोकने, औद्योगीकीकरण बढ़ाने पर चर्चा

बिहार की बाढ़, पलायन रोकने, औद्योगीकीकरण बढ़ाने पर चर्चा

पटना/नई दिल्ली.
बिहार के बुद्धिजीवियों के एक प्रमुख समूह ने राज्य की विकास संबंधी चुनौतियों एवं उनके संभावित समाधान पर तीन दिनों तक गहन विचार मंथन किया। निष्कर्ष निकाला कि बाढ़ एवं प्रतिभाओं के पलायन को रोकने तथा औद्योगिकीकरण के लिए प्रभावी कदम तत्काल उठाने की जरूरत है।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र और मैथिली भोजपुरी अकादमी दिल्ली सरकार के सहयोग से आईजीएनसी सभागार दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय मैथिली नाटय साहित्य महोत्सव में आए नेताओं ने बिहार में हर साल आने वाली बाढ़, दरभंगा में बनने वाले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में देरी को लेकर चिंता जाहिर की।
बुद्धिजीवियों का कहना था कि केंद्र, बिहार सरकार को इस पर मिलकर कार्य करना होगा। बाढ़ रोकने के लिए नेपाल—भारत सरकार के साथ ही बिहार सरकार की सहभागिता वाली एक त्रिपक्षीय समिति बनानी होगी। इस तरह की एक समिति दशकों से कागजों में नेपाल में चल रही है। लेकिन जमीन पर उसका कोई कार्य नहीं हो रहा है।

नाटक और भरतनाट्यम को सराहा
इस अवसर पर रौशन कुमार झा लिखित दो नाटकों बौकी व बिजहो का मंचन भी किया गया। जिसमें बिहार की कुरीतियों पर व्यंग्य के माध्यम से लोगों को इन पुरानी कुप्रथाओं के अब भी प्रचलन में होने को लेकर चर्चा करने पर मजबूर किया। बिहार कैडर की आईएएस अधिकारी और भारत सरकार में संयुक्त सचिव डा. एन विजय लक्ष्मी ने इस अवसर पर गणेश वंदना पर मनमोहक भरतनाटयम नृत्य प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया।

मिथिलांचल के विकास पर संगोष्ठी
इस अवसर पर बिहार—मिथिलांचल के विकास को लेकर एक संगोष्ठी भी की गई। इसमें प्रियंरजन, प्रभाष झा, ऋतेश पाठक, सुजीत ठाकुर, ईश्वर नाथ, राकेश कुमार, मनोज मिश्र ने विचार रखे। वक्ताओं का कहना था कि बिहार—मिथिलांचल के विकास के लिए रोजगार और उत्पाादन इकाईयों को राज्य में बढ़ाना होगा। गृह और कुटीर उदयोग को भी गति देनी होगी। विकसित प्रदेशों की तरह सिंगल विंडो सिस्टम कर इंडस्ट्री को आकर्षित करना होगा। इस अवसर पर एनबीटी के संपादक सुधीर मिश्र की लघु फिल्म गूलर का फूल का विशेष प्रीमियम भी किया गया।

प्राधिकरण की जरूरत : संजय झा
बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि केंद्र सरकार को बिहार सरकार एवं नेपाल सरकार को साथ लेकर हर साल आने वाली बाढ़ पर प्रभावी रोक के लिए एक प्राधिकरण बनाने की जरूरत है। इसका निश्चित कार्यकाल हो। यहां की नदियों में बड़े बांध बनाने चाहिए। जिससे बाढ़ रूके। उन्होंने कहा कि नेपाल क्योंकि अलग देश है। ऐसे में केंद्र सरकार का आगे आना जरूरी है। उन्होंने कहा कि वह जल संसाधन मंत्री है और यह देखकर हतप्रभ है कि एक कागजी समिति इस मुददे पर वर्षो से काम कर रही है। उसका नेपाल में कार्यलय भी है। भारत के अधिकारी भी वहां पर कथित रूप से तैनात हैं। लेकिन हकीकत में कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अगर बिहार में बाढ़ रोकने में मदद करती है तो वहां पर काफी रोजगार हो सकते हैं। इससे पलायन भी रूकेगा।

मखाना उद्योग को दिलाएंगे राष्ट्रीय दर्जा
दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर ने कहा कि दरंभगा में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान संस्थान बनाया था। लेकिन उनके बाद की सरकार ने उसका राष्ट्रीय स्तर घटा दिया। जिससे मखाना उदयोग को नुकसान हुआ। वह इसे फिर से राष्ट्रीय दर्जा दिलाने के लिए कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने दरंभगा एयरपोर्ट को मिथिलांचल और बिहार के विकास का प्रतीक करार देते हुए कहा कि इसके विस्तार की जरूरत है। इसके लिए वह कार्य कर रहे हैं। उन्होंने मिथिलांचल को कई ट्रेन देने के लिए रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव का धन्यवाद करते हुए यहां के लिए एक राजधानी ट्रेन और वंदे भारत की भी मांग की।