
सीवान में अनुभूति श्रीवास्तव के घर छापेमारी के लिए पहुंची टीम।
EOU Raid: आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले ईओयू की ओर से सोमवार को सीवान नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी (ईओ) अनुभूति श्रीवास्तव के ठिकानों पर हुई छापेमारी में करीब 71 लाख से अधिक की अवैध संपत्ति पता चला है। ईओयू की प्रारंभिक जांच में यह उनकी वैध आय से करीब 78 प्रतिशत अधिक है। टीम की ओर से उनके सीवान स्थित आवास, पटना के रूपसपुर स्थित फ्लैट और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पैतृक आवास पर छापेमारी एक साथ किया था। ईओयू की टीम ने छापेमारी में कई अहम दस्तावेज, जमीन-जायदाद के कागजात और बैंक खाते से जुड़े प्रमाण जब्त किए हैं। अधिकारियों का कहना है कि विस्तृत जांच के बाद कुल अवैध संपत्ति का आकलन किया जाएगा।
आर्थिक अपराध इकाई की अलग-अलग टीमों ने सोमवार को ईओ के उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर के एडेल्को ग्रीन्स स्थित पैतृक आवास, पटना के रूपसपुर थाना के तिलकनगर स्थित अर्पणा मेंशन के फ्लैट नंबर 406-बी एवं 407-बी तथा सिवान नगर कार्यपालक पदाधिकारी कार्यालय समेत अन्य ठिकानों पर सघन छापेमारी की। इस दौरान बड़ी संख्या में निवेश संबंधित दस्तावेजों के अलावा ज्वेलरी, कैश, बैंक खाते समेत अन्य कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं। इनकी जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि कितने की अवैश संपत्ति बरामद की गई है। यह जानकारी ईओयू के डीआईजी (आर्थिक अपराध) मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बुधवार को पुलिस मुख्यालय सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान दी।
डीआईजी ने कहा कि अब तक की जांच में 71 लाख 1 हजार 908 रुपये की अवैध संपत्ति का पता चला है, जो उनके वैद्य आय से 78.91 प्रतिशत अधिक है। जांच में यह बात सामने आई है कि अनुभूति श्रीवास्तव ने सीवान जिला में पदस्थापना के दौरान अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध आय अर्जित की है। इस मामले को लेकर ईओयू में एफआईआर भी दर्ज की गई है। अनुभूति श्रीवास्तव के खिलाफ 31 अगस्त 2021 को भ्रष्टाचार निरोध अधिनियम की धारा 13(1)(बी) के अंतर्गत मामला दर्ज कर कार्रवाई की गई थी।
आय से अधिक संपत्ति मामले में उस समय भी इनके खिलाफ हुई कार्रवाई में 230 प्रतिशत अवैध आय का मामला सामने आया था। उस समय जांच में यह पाया गया था कि नवंबर 2013 से सितंबर 2021 के बीच आय के वैध स्रोतों से 1 करोड़ 99 लाख 77 हजार रुपये से अधिक की संपत्ति बरामद की गई थी। इस मामले में उनके खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र समर्पित किया गया है। यह मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है। निलंबन मुक्त होने के बाद उनकी तैनाती रक्सौल, सहरसा के बाद सीवान में हुई।
Updated on:
21 Aug 2025 11:09 am
Published on:
20 Aug 2025 07:42 pm
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