
jdu leader ashok choudhary
प्रियरंजन भारती की रिपोर्ट...
(पटना): राजनीतिक पार्टियों की ओर से रमजान के महिने में दी जाने वाली इफ्तार दावत सियासतदानों के लिए खासा महत्वपूर्ण हो जाती है। इन दावतों के बहाने राजनेता अपने हित साधने में पीछे नहीं रहते। बिहार में इन दिनों ऐसी दावतों के बहाने सियासी गरमी भी जून में बेसाख्ता बढ़ गई है। बुधवार को सत्तारूढ़ जदयू और विपक्षी आरजेडी ने दावत के इंतजाम किए हैं। इससे पहले भी विभिन्न राजनीतिक दलों और उनके नेताओं ने इफ्तार पार्टियों का आयोजन किया है।
सभी दलों के नेताओं को किया आमंत्रित
जदयू की ईफ्तार दावत का आयोजन पटना के हज भवन में किया गया है। इसके आयोजक कांग्रेस छोड़ जदयू में आए पूर्व मंत्री अशोक चौधरी हैं। इसके लिए सभी दलों को आमंत्रण भेजा गया। इस आयोजन में उपेंद्र कुशवाहा के आने की बाबत पूछे जाने पर चौधरी ने कहा सभी दलों के नेताओं को बुलाया गया है। सभी के आने की उम्मीद है।
आरजेडी की दावत में इन नेताओं के आने की संभावना
इधर आरजेडी की ओर से भी दावत का आयोजन कियाा गया है। भी मेहमानों को लेकर सबकी निगाहें टिकी हैं। इस दावत में शरद यादव और जीतनराम मांझी भी शामिल हो रहे हैं। केंद्रीय मंत्री और लोजपा नेता रामविलास पासवान भी बुधवार को पटना पहुंच गए हैं।
कुशवाहा नहीं पहुंचे थे सुशील मोदी की दावत में
बता दें कि रालोसपा नेता और केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा पिछले दिनों भाजपा के सहभोज और सुशील मोदी की ओर से दी गई दावत में नहीं पहुंचे थे। इससे सियासी तापमान बढ़ गया था। कुशवाहा ने बाद में अपनी ओर से दी गई दावत में सारे कयासों पर यह कहकर विराम लगा दिया था कि एनडीए में पूरी एकजुटता है। उन्होंने किसी भी विवाद से इंकार करते हुए यह भी कहा कि सीट शेयरिंग को लेकर कोई झगड़ा नहीं है। कुशवाहा की पार्टी की ओर से उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करने का मुद्दा उठा दिया गया। इससे विवाद में तेजी आई थी।
Published on:
13 Jun 2018 04:49 pm
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