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खसरा-खतौनी का कागज बनेगा घर बैठे, इस राज्य में अफसर डोर टू डोर जाकर करेंगे मदद

म्यूटेशन और बंटवारा से जुड़े आवेदन Mutation Plus पोर्टल पर दर्ज होंगे।

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पटना

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Ashish Deep

Aug 16, 2025

Land records of villages

इस विशेष अभियान का मकसद लोगों को खसरा-खतौनी, जमाबंदी और म्यूटेशन से जुड़ी सेवाएं घर-घर पहुंचाना है। (फोटो सोर्स : पत्रिका)

बिहार में अब लोगों को खसरा-खतौनी के रिकॉर्ड को दुरुस्त कराने के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। नीतीश कुमार सरकार ने जमीन-जायदाद से जुड़ी गड़बड़ियों को खत्म करने और जमाबंदी रिकॉर्ड को दुरुस्त करने के लिए शनिवार से ‘राजस्व महाअभियान’ की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस विशेष अभियान का मकसद लोगों को खसरा-खतौनी, जमाबंदी और म्यूटेशन से जुड़ी सेवाएं घर-घर पहुंचाना है। यह ड्राइव 20 सितंबर तक चलेगी।

टीमें घर-घर जाकर जमीन के कागजों की जांच करेंगी

अभियान के तहत अधिकारी टीमें घर-घर जाकर कागजों की जांच करेंगी और मौके पर ही सुधार और एंट्री का काम पूरा करेंगी। म्यूटेशन और बंटवारा से जुड़े आवेदन Mutation Plus पोर्टल पर दर्ज होंगे। रिकॉर्ड सुधार से जुड़ी गड़बड़ियां Parimarjan Plus पोर्टल पर अपलोड की जाएंगी और जिन रिकॉर्ड की ऑनलाइन एंट्री नहीं हुई है, उन्हें भी डिजिटाइज किया जाएगा।

सरकार ने की त्वरित कैम्पों की व्यवस्था

हर जिले और प्रखंड स्तर पर विशेष शिविर लगाए जाएंगे। यहां 10 टेबल, 10 विशेष सर्वे अमीन, लैपटॉप और इंटरनेट डोंगल के साथ तत्काल डेटा एंट्री की सुविधा रहेगी। इन कैंपों में मौके पर ही आवेदन स्वीकार किए जाएंगे और प्राथमिक डेटा एंट्री होगी।

जमीन रिकॉर्ड के लिए लोगों को क्या रखना होगा तैयार?

डेथ सर्टिफिकेट, सत्यापित वंशावली, खाता-खसरा और रकबे की जानकारी। अधिकारियों ने अपील की है कि लोग ये कागजात पहले से तैयार रखें ताकि मौके पर किसी तरह की देरी न हो। सरकार ने यह भी घोषणा की है कि अभियान के दौरान बेहतरीन काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को सर्किल, जिला और राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। राजस्व विभाग का कहना है कि इस पहल से लोगों को बार-बार दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और जमाबंदी व खसरा-खतौनी का सुधार घर बैठे और पारदर्शी तरीके से हो सकेगा।