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बिहार में 65 लाख वोटरों के नाम आए सामने, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर चुनाव आयोग ने की कार्रवाई

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) बिहार के अनुसार, रोहतास, बेगूसराय, अरवल सहित कई जिलों में बूथ स्तर पर सूचियां प्रदर्शित कर दी गई हैं।

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पटना

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Ashish Deep

Aug 18, 2025

Bihar SIR

सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई 8 सितंबर को तय की है। (फोटो : ANI)

चुनाव आयोग (ECI) ने सोमवार को बिहार में Special Intensive Revision (SIR) के बाद ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से जारी 65 लाख वोटरों के नाम की लिस्ट जारी कर दी है। अधिकारियों के अनुसार, यह कदम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के पालन में उठाया गया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को एक अंतरिम आदेश में चुनाव आयोग को यह निर्देश दिया था कि वह 19 अगस्त तक उन मतदाताओं की बूथवार सूची सार्वजनिक करे, जिनके नाम 1 अगस्त को जारी हुई ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में शामिल नहीं हैं। इसके अलावा आयोग को 22 अगस्त तक विस्तृत रिपोर्ट भी दाखिल करनी होगी।

हरेक नाम हटाने के साथ कारण भी दर्ज हों

आयोग ने बताया कि जिन नामों को ड्राफ्ट मतदाता सूची से हटाया गया है, वे ASD (Absentee, Shifted, Dead) श्रेणी के अंतर्गत आते हैं। इनमें मृतक मतदाता, स्थानांतरित मतदाता, गैरमौजूद या दोहरे पंजीकरण वाले मतदाता शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि हरेक नाम हटाने के साथ कारण भी दर्ज और सार्वजनिक किए जाएं।

रोहतास, बेगूसराय, अरवल सहित कई जिलों में बूथ स्तर पर सूची जारी

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) बिहार के अनुसार, रोहतास, बेगूसराय, अरवल सहित कई जिलों में बूथ स्तर पर ASD सूचियां प्रदर्शित कर दी गई हैं। साथ ही चुनाव आयोग इन सूचियों को ऑनलाइन भी उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहा है ताकि पारदर्शिता बनी रहे। यह कदम बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों से पहले बेहद अहम माना जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया पारदर्शी और जवाबदेह होनी चाहिए ताकि किसी भी पात्र मतदाता का अधिकार प्रभावित न हो।

वोटर लिस्ट दुरुस्त होने से चुनाव निष्पक्ष होंगे

विशेषज्ञों का मानना है कि 65 लाख वोटरों का नाम हटाना एक बड़ा कदम है और यह चुनावी प्रक्रिया में ट्रांसपेरेंसी को मजबूती देगा। हालांकि अब सभी की निगाहें 22 अगस्त पर टिकी हैं, जब आयोग सुप्रीम कोर्ट में अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश करेगा।