बिहार विधानसभा में राजद नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच तीखी बहस हुई।
Bihar Assembly Election : बिहार विधानसभा में बुधवार को माहैल एकदम अलग था। राजद नेता तेजस्वी यादव ने बिहार में चुनाव आयोग के Special Intesive Revision को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने फर्जी वोटर का सवाल किया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जो फर्जी वोटर की बात कर रहा है तो क्या नीतीश कुमार या नरेंद्र मोदी फर्जी वोट से चुनकर आए हैं। इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक तैश में आ गए और राजद के युवा नेता को आईना दिखाने लगे। उन्होंने कहा कि जिस चुनाव पर वह अंगुली उठा रहे हैं, उस दौरान उनके पिता लालू यादव और माता राबड़ी देवी तक मंत्री रही थीं तो क्या वे भी फर्जी वोट से चुनकर आए।
राजद नेता और पूर्व सीएम तेजस्वी यादव ने विधानसभा में कहा कि लालू जी कहते हैं कि वोट का राज, छोट का राज। यानी संविधान 18 साल की उम्र पार करने वाले को वोट देने का हक प्रदान करता है। संविधान ने सबको समान अधिकार दिया है। हम बिहार में SIR का विरोध नहीं कर रहे। हमें उसकी पारदर्शिता पर ऐतराज है। चुनाव आयोग ईमानदारी से इस प्रक्रिया को करे। इससे पहले 2003 में यह अभियान चला था, उस समय 1 से 2 साल लगे थे इस प्रक्रिया को पूरी करने में। लेकिन चुनाव आयोग अब इतने कम समय में इसे हड़बड़ी में करा रहा है।
तेजस्वी ने कहा कि 2003 से 2025 के बीच कई चुनाव हो गए, लेकिन उस दौरान इसकी जरूरत महसूस नहीं हुई। क्या हम मान लें कि जो पिछले चुनाव हुए तो क्या नीतीश कुमार फर्जी वोटों से चुनकर सीएम बने हुए हैं, मोदी जी भी फर्जी वोटों से पीएम बने हुए हैं। जितने विधायक चुन कर आए हैं क्या वे फर्जी वोटों से चयनित होकर आए हैं।
तेजस्वी ने कहा कि हमने 4 सवाल पूछे हैं। अगर चुनाव आयोग को SIR कराना था तो फरवरी में जो वोटर लिस्ट आई थी तब क्यों नहीं कराया गया। अगर इतनी शिकायत थी तो लोकसभा चुनाव के बाद ही प्रक्रिया शुरू कर देते। चुनाव आयोग क्यों नहीं आधार जैसे दस्तावेज को वैध पेपर मानता है। गरीब कहां से डॉक्युमेंट लाएगा।
तेजस्वी ने कहा कि साढ़े 4 करोड़ बिहारी मजदूर बाहर रहते हैं। इनमें 3 करोड़ पंजीकृत हैं। इनमें सब अलग-अलग अवधि के लिए बाहर जाते हैं पर वोट डालने बिहार ही आते हैं। लेकिन डर है कि उनका नाम वोटर लिस्ट से कट जाएगा। जनसंख्या का कैलकुलेशन गृह मंत्रालय का काम है, चुनाव आयोग का काम निष्पक्ष चुनाव कराना है। यहां दो डिप्टी सीएम हैं, वे सूत्रों के हवाले से खबर चला रहे हैं कि बिहार की वोटर लिस्ट में म्यांमार, बांग्लादेश का नागरिक आ गया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि तेजस्वी की उम्र जब कम थी तब लालू यादव 7 साल मुख्यमंत्री थे। उस दौरान राबड़ी देवी भी मुख्यमंत्री रहीं। हमने डेढ़-डेढ़ साल राजद के साथ भी शासन किया। लेकिन उस दौरान ठीक नहीं हो रहा था तो छोड़ दिया। अब बीजेपी के साथ हमारी सरकार है। केंद्र सरकार भी मदद कर रही है। चुनाव लड़ना है तो लड़िए। जो बोलना है बोलते रहिए। हमने ही महिलाओं के लिए 50 फीसदी कोटे का प्रावधान किया।