
patna science city
बिहार को विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि मिलने जा रही है। राजधानी पटना में मोइन उल हक स्टेडियम के पास लगभग 20.5 एकड़ में निर्माणाधीन डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम साइंस सिटी विज्ञान प्रेमियों, छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए एक आधुनिक केंद्र बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे विश्वस्तरीय विज्ञान केंद्र बताया है। उन्होंने कहा कि यहां विज्ञान के मूल सिद्धांतों को सरल तरीके से समझाया जाएगा और बच्चों को प्रयोगों के जरिए सीखने का अवसर मिलेगा।
इस साइंस सिटी का निर्माण भवन निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है और लगभग पूरा हो चुका है। फिनिशिंग का काम चल रहा है तथा जल्द ही इसका उद्घाटन होने की संभावना है। इसमें कुल पांच आधुनिक गैलरियां बनाई जा रही हैं, बीए साइंटिस्ट गैलरी, बेसिक साइंस गैलरी, सस्टेनेबल प्लैनेट गैलरी, स्पेस एंड एस्ट्रोनॉमी गैलरी और बॉडी एंड माइंड गैलरी। इन गैलरियों में 26 थीम पर आधारित 269 विज्ञान प्रदर्श लगाए जाएंगे, जो बच्चों और युवाओं को विज्ञान की विभिन्न शाखाओं से जोड़ेंगे।
पूरे परिसर का कुल क्षेत्रफल लगभग 7725 वर्ग मीटर है। यहाँ 500 सीटों की क्षमता वाला ऑडिटोरियम, 150 छात्रों और तीन शिक्षकों के लिए डॉरमेट्री, 4डी थियेटर, मल्टीपर्पज हॉल, प्री-फंक्शनल हॉल, एट्रियम और सेल्फी पॉइंट जैसी आधुनिक सुविधाएँ भी उपलब्ध होंगी। विज्ञान प्रेमियों के लिए कैफेटेरिया, वाहन पार्किंग, पेयजल और स्वच्छ शौचालय जैसी आवश्यक व्यवस्थाएँ भी की जा रही हैं। परिसर में 150 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं, जो ऊर्जा संरक्षण का उदाहरण होंगे।
इस परियोजना का पहला चरण 75 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहा है। इसका निर्माण नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम के सहयोग से कराया जा रहा है। विज्ञान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से यह केंद्र राज्य के छात्रों और आम जनता के लिए खुला रहेगा। साइंस सिटी का उद्घाटन होते ही यह बिहार का विज्ञान का सबसे बड़ा केंद्र बन जाएगा। इसमें विद्यार्थियों को न केवल आधुनिक प्रयोग देखने का मौका मिलेगा बल्कि विज्ञान, पर्यावरण, ब्रह्मांड और मानव शरीर से संबंधित जानकारी भी उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केंद्र विज्ञान को लोकप्रिय बनाने और छात्रों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने का महत्वपूर्ण मंच बनेगा।
यह परियोजना बिहार को विज्ञान, शिक्षा और शोध के क्षेत्र में नई पहचान दिलाएगी। राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत 889 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही यह विज्ञान नगरी बिहार के विकास का नया अध्याय लिखेगी। विज्ञान प्रेमियों, छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए यह केंद्र ज्ञान का एक अद्भुत संसार साबित होगा।
Updated on:
12 Sept 2025 10:54 am
Published on:
12 Sept 2025 10:53 am
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