
धरती और आकाश ने बसंत पर्व का स्वागत किया। लहलहा रहे खेत, पुष्पों की भीनी-भीनी सुगंध ऋतुओं का राजा बसंत के आगमन का संदेश दिया। बीकानेर के गंगाशहर क्षेत्र के सालमनाथ धोरे के पास एक खेत में बसंत बहार का स्वागत कर रहे गेंदे के पुष्प।

धरती और आकाश ने बसंत पर्व का स्वागत किया। लहलहा रहे खेत, पुष्पों की भीनी-भीनी सुगंध ऋतुओं का राजा बसंत के आगमन का संदेश दिया। बीकानेर के गंगाशहर क्षेत्र के सालमनाथ धोरे के पास एक खेत में बसंत बहार का स्वागत कर रहे गेंदे के पुष्प।

धरती और आकाश ने बसंत पर्व का स्वागत किया। लहलहा रहे खेत, पुष्पों की भीनी-भीनी सुगंध ऋतुओं का राजा बसंत के आगमन का संदेश दिया। बीकानेर के गंगाशहर क्षेत्र के सालमनाथ धोरे के पास एक खेत में बसंत बहार का स्वागत कर रहे गेंदे के पुष्प।

धरती और आकाश ने बसंत पर्व का स्वागत किया। लहलहा रहे खेत, पुष्पों की भीनी-भीनी सुगंध ऋतुओं का राजा बसंत के आगमन का संदेश दिया। बीकानेर के गंगाशहर क्षेत्र के सालमनाथ धोरे के पास एक खेत में बसंत बहार का स्वागत कर रहे गेंदे के पुष्प।