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यहां रूकी थी भगवान शिव की बारात, क्या आप जानते हैं इस गुप्त मंदिर के बारे में?

locationभोपालPublished: Nov 19, 2020 11:25:52 am

इस मंदिर की मिट्टी में शक्ति…

The marriage of Lord Shiva and the marriage was called off

The marriage of Lord Shiva and the marriage was called off

हिंदू धर्म के आदि पंच देवों में से एक भगवान शिव के विवाह का प्रसंग आपने सुना ही होगा। जब भगवान शिव, सती से विवाह करने के लिए बारात लेकर चले उस समय की कई बातें धार्मिक पुस्तकों में आज भी पढ़ने को मिल जाती है। वहीं देवभूमि उत्तराखंड को कई लोग भगवान शिव की भूमि भी मानते हैं, क्योंकि यहीं कैलाश पर्वत पर भगवान शंकर का निवास स्थान भी माना जाता है। वहीं उनका ससुराल भी यहीं माना जाता है।

भगवान शिव के विवाह से जुड़ी एक कथा उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित भूतनाथ मंदिर को लेकर भी प्रचलित है। यहां स्थित भूतनाथ मंदिर अपनी सुंदरता और विचित्रता के लिए जाना जाता है, लेकिन उससे कहीं ज्यादा अपने विचित्र और आध्यात्मिक-पौराणिक महत्त्व ने इस मंदिर को चर्चित किया है।

ये है मंदिर की कथा?
मान्यता के अनुसार जब भगवान शंकर अपनी पत्नी माता ‘सती’ से विवाह करने बारात लेकर निकले थे, तो कहा जाता है कि उनके ससुर राजा दक्ष ने इसी भूतनाथ मंदिर में भगवान शिव को उनकी बारात के साथ ठहराया था। भगवान शिव ने अपनी बारात में शामिल सभी देव, गण, भूत और तमाम बरातियों के साथ यहीं पर रात बितायी थी। इस अलौकिक मंदिर को लेकर एक और बात बेहद प्रचलित है और वह समस्त दर्शनार्थियों को बेहद आश्चर्य में डाल देती है।

इस मंदिर को गुप्त मंदिर भी कहा जाता है। मान्यता है कि यहां आने से भूत-प्रेत बाधाएं दूर हो जाती हैं। अगर कोई असाध्य रोग से पीड़ित हो ,तो उसे एक बार इस मंदिर के दर्शन कर भोले बाबा से प्रार्थना अवश्य करनी चाहिए। माना जाता है कि इस मंदिर में भगवान शिव के सच्चे भक्तों को ही दर्शन प्राप्त होते हैं।

इस मंदिर की मिट्टी में शक्ति मानी जाती है। यहां आने वाले भक्त इस मंदिर की माटी को अपने साथ ले जाते हैं। अगर कोई अवसाद या किसी नशे की लत से परेशान है या मन बेहद अशांत रहता है तो ऐसे भक्तों को यहां बाबा के दर्शन अवश्य करने चाहिए।

इसके अलावा यहां स्थित भगवान शिवलिंग के चारों तरफ 10 घंटियां लगी हुई हैं और 10 घंटियों में से अलग-अलग ध्वनि निकलती है। एक साथ बजने पर भी अलग ध्वनि निकलने वाले इन घंटियों को देख कर लोग आश्चर्य में पड़ जाते हैं।

ऐसी है मंदिर की संरचना?
उत्तराखंड राज्य के पवित्र धार्मिक स्थलों में ऋषिकेश का स्थान अति महत्वपूर्ण है। ऋषिकेश स्थित भूतनाथ मंदिर की बात करें तो यह स्वर्गाश्रम क्षेत्र में पड़ता है और यह मंदिर भगवान शंकर को समर्पित है।

यह मंदिर तीन तरफ से राजाजी नेशनल पार्क से घिरा हुआ है, जिसकी वजह से इसकी तरफ फैली हरियाली लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। भूतनाथ मंदिर सात मंजिला इमारत है और इसकी पहली मंजिल पर आपको भगवान शंकर से जुड़ी कथाओं का वर्णन, चित्रों के माध्यम से मिलता है।

इसके साथ ही हनुमान और नंदी के अलावा समस्त देवी-देवताओं के चित्र इस मंदिर की हर एक मंजिल पर हैं। वहीं सबसे अंतिम, यानी सातवीं मंजिल पर छोटा सा शिव मंदिर है, जिसके प्रांगण में भगवान शिव और उनके भूतों की बारात का वर्णन चित्रों के माध्यम से किया गया है। इस मंदिर की सातवीं मंजिल से ऋषिकेश का नजारा बेहद ही रमणीय और मनमोहक नज़र आता है।

ऐसे पहुंचें भूतनाथ मंदिर?
भूतनाथ मंदिर ऋषिकेश में स्थित है और यहां पहुंचने के लिए आपको पहले हरिद्वार आना होगा। हरिद्वार से यहां की दूरी मात्र 25 किलोमीटर है। हरिद्वार आने के लिए आपको ट्रेन, बस किसी भी शहर से मिल जाएंगी। हरिद्वार से आपको हर की पौड़ी से टैक्सी या बस मिल जाएगी जो आपको ऋषिकेश पहुंचाएगी।

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