पीड़ित पिता रुपकिशोर का कहना है कि ऐसा अमानवीय कृत्य शिक्षण संस्थान में हुआ है। घटना को देख कर ऐसा लगता है कि मानो प्राईवेट संस्थान शिक्षण कार्य के लिये नहीं बल्कि एक धंधे के रूप में चलाये जा रहे हैं। मंदिर कहलाए जाने वाले शिक्षण संस्थान अब पैसों के पुजारी बन गए हैं। उधर, इस मामले में सीओ पुरनपुर जगतराम जोशी का कहना है कि पीड़ित रुपकिशोर की तहरीर मिली है, जांच के बाद कार्यवाही की जाएगी।