नई दिल्ली। ठीक 34 साल पहले 1984 में पंजाब में आतंकवादी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए तत्कालीन भारत सरकार ने स्वर्ण मंदिर में सैन्य ऑपरेशन चलाने का फैसला लिया था। इस सैन्य ऑपरेशन का भयावह अंत हुआ। सैन्य आपरेशन ब्लूस्टार में 3 जून, 1984 को भिंडरावाला मारा गया और ठीक उसके पांच महीने बाद बदले की भावना से 31 अक्टूबर, 1984 में इंदिरा गांधी अपने ही सुरक्षा दस्ते का शिकार हो गईं। 6 जून को समाप्त हुए ऑपरेशन ब्लूस्टार में 83 सैन्य व पुलिस कर्मियों सहित स्वर्ण मंदिर में 492 लोगों की जानें चली गईं थीं।
आज ऑपरेशन ब्लू स्टार की 34वीं बरसीं है। अमृतसर में हर वर्ष इस अवसर पर बड़े पैमाने पर कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इस दौरान शांति बनाए रखने के लिए बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। ताकि ब्लूस्टार की वर्षगांठ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके। आपको बता दें कि इस घटना के बाद लोगों का नरसंहार होता देखकर भारत सरकार ने पंजाब में दरबारा सिंह की कांग्रेस सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। इसके बाद पंजाब में स्थिति बिगड़ती चली गई। 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार से तीन महीने पहले तक हिंसक घटनाओं में मरने वालों की संख्या 298 हो चुकी थी। वैसे ऑपरेशन ब्लू स्टार के हालात एक जून से ही बनने शुरू हो गए थे।