
भाजपा-पीडीपी गठबंधन टूटा, ये बताई जा रही हैं इसकी मुख्य वजहें
श्रीनगर। दिल्ली में मचा सियासी घमासान अभी शांत भी नहीं हुआ था कि जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को सियासी भूचाल आ गया। भाजपा ने जम्मू कश्मीर सरकार सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा कर दी। बता दें कि इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली में राज्य के सभी बड़े पार्टी नेताओं से मुलाकात की जिसके बाद यह निर्णय लिया गया। सरकार से अलग होने की घोषणा करने के बाद भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए महबूबा सरकार से अलग होने की मजबूरियां गिनाई.…
सीजफायर को लेकर दोनों दलों में मतभेद
भाजपा ने आरोप लगाया कि रमजान के दौरान सीजफायर को लेकर दोनों दलों के बीच मतभेद रहे। महबूबा सरकार ने इस संबंध में कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की और न हीं सेना के मनोबल को बढ़ाने के लिए कुछ कदम उठाए गए।
सेना के ऑपरेशन ऑलआउट पर महबूबा का सहयोग नहीं
भाजपा ने समर्थन वापसी की घोषणा करते हुए कहा कि सेना द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन ऑलआउट पर महबूबा सरकार ने कोई भी सहयोग नहीं किया। यहां तक कि कई बार सेना के शौर्य पर ही दबी जुबान सवाल उठाए गए।
पत्थरबाजों पर सरकार का नियंत्रण नहीं
भाजपा ने कहा कि सेना घाटी में अशांति फैला रहे और सेना के काम में दखल दे रहे पत्थरबाजों पर सरकार को नियंत्रण नहीं है। भाजपा ने आरोप लगाया कि सरकार ने पत्थरबाजों पर काई कार्रवाई नहीं की। इसके उलट पत्थरबाजों पर सहानूभुति प्रकट करते नजर आती रहीं।
सेना के बयान और ऑपरेशन पर मतभेद
भाजपा की मानें तो महबूबा सरकार ने हमेशा से सेना के ऑपरेशन को लेकर अलग मत रखा है। जब भी सेना आतंकियों का खात्मा करती है तो महबूबा की पार्टी सरकार के बयान से अलग राय रखकर मतभेद को जन्म दे रही थी। लगातार सेना के शौर्य पर सवाल खड़े करना और फिर पत्थरबाजों का समर्थन करना। यह सब भाजपा बर्दास्त नहीं कर सकती थी।
हुर्रियत को लेकर मतभेद
भाजपा और पीडीपी के बीच हुर्रियत को लेकर मतभेद थे। जहां एक ओर पीडीपी चाहती थी कि हुर्रियत से बातचीत हो और सीजफीयर को आगे बढ़ाया जाए लेकिन ठीक इसके उलट भाजपा न तो हर्रियत से बातचीत करना चाहती थी और नहीं सीजफायर को आगे बढ़ाना चाहती थी। इस बात को लेकर दोनों दलों में मतभेद बढ़ गए।
घाटी में विकास कार्यों को लेकर मतभेद
भाजपा ने कहा कि महबूबा पर व्यक्तिगत आरोप नहीं है लेकिन राज्य सरकार घाटी में विकास कार्यों को आगे बढ़ाने में विफल रही। जम्मू और लद्दाख के विकास में बीजेपी के मंत्रियों को अड़चनें आती रहीं। कई विभागों में काम के लिहाज से जम्मू और लद्दाख के साथ भेदभाव जनता महसूस करती रही।'
Published on:
19 Jun 2018 04:17 pm
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