नई दिल्ली। महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन का घड़ियां लगातार आगे बढ़ती जा रही हैं। कभी शिवसेना तो कभी एनसीपी तो कभी गेंद कांग्रेस के पाले में जा गिरती है। फिलहाल महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर सस्पेंस बदस्तूर जारी है। एक बार फिर गेंद कांग्रेस के पाले में जा गिरी है।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस में गुटबाजी ने पूरी बाजी ही पलटकर रख दी है। माना जा रहा है शिवसेना को समर्थन को लेकर कांग्रेस के कई नेताओं में मतभेद सामने आ रहा है। सोमवार को सोनिया गांधी ने करीब पौने तीन घंटे तक महाराष्ट्र विधायकों से बातचीत की, लेकिन उसके बाद भी बातचीत बेनतीजा रही।
महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच कांग्रेस ने दिया ये फॉर्मूला, शिवसेना-एनसीपी ने बताया…
मंगलवार को एक बार फिर कांग्रेस-एनसीपी के बीच समर्थन को लेकर बातचीत शुरू हुई जो दोपहर 12 बजे तक कोई रंग नहीं ला पाई। सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र कांग्रेस का एक धड़ा अपनी कुछ शर्तों पर अड़ा है। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान के लिए भी थोड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है।
इस बीच खबर आ रही है कि कांग्रेस नेता अविनाश पांडे जयपुर में मौजूद महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायकों से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में अविनाश पांडे विधायकों को कांग्रेस आलाकमान का संदेश बताएंगे। अविनाश पांडे के साथ केसी पाडवी और विजय वेडट्टीवार भी मौजूद रहेंगे।
सोमवार को कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक बेनतीजा रहने के बाद आज फिर से सोनिया गांधी के आवास पर मीटिंग बुलाई गई है। बैठक में महाराष्ट्र को लेकर चर्चा की जानी है। केसी वेणुगोपाल और एके एंटनी मीटिंग के लिए पहुंच गए हैं।
उधर एनसीपी ने भी साफ कर दिया है शिवसेना को आज समर्थन पत्र देना मुश्किल है। अजित पवार को राज्यपाल ने सरकार बनाने का ऑफर दिया है।
एनसीपी के पास रात 8.30 बजे तक सरकार बनाने का दावा पेश करने का वक्त है। अगर एनसीपी सरकार नहीं बनाती है तो राज्यपाल कांग्रेस को निमंत्रण देंगे। इसके बाद बुधवार रात 8.30 बजे तक कांग्रेस के पास वक्त होगा सरकार बनाने का।
इस मसले पर एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा कि रात 8.30 बजे तक विधायकों के समर्थन के बारे में बताना मुश्किल है, क्योंकि कांग्रेस नेता दिल्ली में हैं, कांग्रेस विधायक जयपुर और दिल्ली में हैं।
कुल मिलाकर शिवसेना ने इस पूरे मामले वेट एंड वॉच की स्थिति बना रखी है। वहीं कांग्रेस आलाकमान अब तक अपने ही विधायकों को मनाने में सफल नहीं हो पाया है।
वहीं शरद पवार ने भी ये साफ कर दिया है कि एनसीपी-कांग्रेस के बीच अब कोई बैठक नहीं होना है। क्योंकि जितनी बात होना थी वो हो चुकी है।