
नई दिल्ली। अदालत की अवमानना मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में माफी मांग ली है। राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने माफी मांगी। लेकिन शीर्ष कोर्ट ने राहुल गांधी के बयान पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी कोर्ट के हवाले से कैसे आरोप लगा सकते हैं कि हमने ऐसा कहा है। कोर्ट ने पूछा कि क्या खेद जताने के लिए 22 पन्नों का हलफनामा दिया जाता है। आप हलफनामा में विरोधाभासी बात कर रहे हैं। राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि हलफनामे में गलती के लिए माफी मांग रहे हैं। हम तीन गलतियों पर माफी मांगते हैं।बता दें कि रफाल डील को लेकर राहुल गांधी ने कहा था कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया है कि चौकीदार चोर है। इसको लेकर भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कोर्ट में याचिका लगाई थी।
6 मई को मामले की अगली सुनवाई
CJI रंजन गोगई, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि घेरा में खेद जताने का क्या मतलब है। यह माफी मांगने का कोई तरीका नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय ने नए हलफनामा देने के लिए राहुल गांधी को वक्त दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 6 मई को होगी। गौरतलब है कि पहली बार राहुल गांधी के बयान पर उनके वकील ने माफी मांगी है।वकील सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के हवाले से चौकीदार चोर है बयान देना गलत था। राहुल ने अपने हलफनामे में खेद शब्द को घेरा में लिखा था। जिसपर कोर्ट ने फटकार लगाई है।
मीनाक्षी लेखी ने लगाया था अवमानना का आरोप
बता दें कि भाजपा की सांसद मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना को लेकर एक याचिका दाखिल की थी। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना करने का आरोप लगाया था। लेखी ने कहा था कि राहुल ने अपने एक बयान में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वीकार कर लिया है कि चौकीदार चोर है। उनका ये बयान कोर्ट की अवमानना है।
Updated on:
30 Apr 2019 08:01 pm
Published on:
30 Apr 2019 03:40 pm
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