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जमानत जब्त का A to Z: जिसे बचाने में छूटते हैं चुनाव लड़ने वालों के पसीने?

चुनावों में जमानत जब्त होने से क्यों डरते हैं नेता? देश के सबसे छोटे से सबसे बड़े चुनाव में अहमियत रखती है जमानत राशि चुनाव लड़ने के लिए हर प्रत्याशी को जमा करनी होती है जमानत की राशि

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जमानत जब्त का A to Z: जिसे बचाने में छूटते हैं चुनाव लड़ने वालों के पसीने?

नई दिल्ली। देश में इस वक्त लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव चल रहा है। 543 लोकसभा सीटों पर लोग अपने-अपने सांसद का चुनाव कर रहे हैं। 23 मई को मतों की गिनती के साथ ही देश में नई सरकार बन जाएगी। इसके साथ ही चर्चा में आएंगे वो नेता जिनको जनता ने नकार दिया और उनकी जमानत जब्त हो गई। ऐसे में जानते हैं कि आखिर ये कौन सी जमानत है, जो दी नहीं बल्कि जब्त की जाती है।

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क्या होती है जमानत राशि?

भारत में होने वाले किसी भी चुनाव में उम्मीदवार बनने के लिए नामांकन दाखिल करना होता है। जब कोई प्रत्याशी चुनाव लड़ने के लिए पर्चा दाखिल करता है तो उसे एक निश्चित राशि चुनाव आयोग के पास जमा करानी होती है। इसी रकम को जमानत राशि कहते हैं।

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किस चुनाव के लिए कितनी जमानत राशि?

प्रत्याशी की ओर से जमा की जाने वाले वाली जमानत राशि हर चुनाव के आधार पर तय की जाती है। सबसे निचले यानि 'पंचायत चुनाव' से लेकर सर्वोच्च पद का चुनाव 'राष्ट्रपति चुनाव' तक के लिए ये राशि अलग-अलग होती है। फिलहाल अभी बात लोकसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की करें तो...2009 के बाद से सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 25 हजार रुपए और एससी-एसटी वर्ग के उम्मीदवारों को 12,500 रुपए बतौर जमानत चुनाव आयोग के पास जमा करनी होती है।

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कब जब्त होती है जमानत?

भारतीय चुनाव आयोग ने जमानत जब्त करने के लिए सख्त नियम बना रखा है। इसके मुताबिक जब कोई प्रत्याशी अपने क्षेत्र में पड़े कुल वैध मतों का छठा हिस्सा यानि 16.6 फीसदी वोट भी हासिल नहीं कर पाता है तो उसकी जमानत राशि जब्त हो जाती है। ये सिलसिला पहले लोकसभा चुनाव से चलता आ रहा है।

उदाहरण के तौर पर समझते हैं। अगर किसी निर्वाचन क्षेत्र में 1000 लोगों के वोट दिया है तो उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने के लिए कम से कम 166 वोट की जरूरत होगी। अगर प्रत्याशी को इससे एक वोट भी कम मिलता है तो उसकी जमानत जब्त हो जाएगी।

कहां जाती है जमानत जब्त की राशि ?

चुनावी नतीजे आने के बाद जिन प्रत्याशियों को 16.6 फीसदी वोट हासिल नहीं हुए होते हैं, उनकी जमानत की राशि भारत सरकार के राजकोष में जमा कर दी जाती है।

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