
पटना। सत्तारूढ़ जनता दल-युनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता और बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने बुधवार को पार्टी छोड़ने की घोषणा करते हुए कहा कि वह राज्य सरकार की दलित विरोधी नीतियों के विरूद्ध जनता दल-युनाइटेड से नाता तोड़ रहे हैं। आपको बता दें कि जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन के बाद पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव समेत कई दिग्गज नेता नीतीश कुमार से दूरी बना चुके हैं। इनमें अब एक नाम और जुड़ गया है।
मोदी-नीतीश के मिलन पर जताई थी नाखुशी
दलित नेता ने मीडिया से कहा, 'मैंने बिहार और पूरे देश में दलितों के खिलाफ बढ़ रहे अत्याचारों और अपराधों पर पार्टी नेतृत्व की चुप्पी के कारण जदयू से इस्तीफा दिया है। पार्टी के नेतृत्व में सरकार भी दलित विरोधी नीतियों को बढ़ावा दे रही है।' चौधरी ने मुख्यमंत्री और जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार के भारतीय जनता पार्टी से हाथ मिलाने पर भी नाखुशी जाहिर की थी। चौधरी के इस कदम को नीतीश के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
यशवंत सिन्हा से भी मिले थे चौधरी
कभी नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले चौधरी ने कहा, 'मुझे पार्टी में उपेक्षित और दरकिनार कर दिया गया और जब मैंने दलितों का मुद्दा उठाया तो उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।' हाल के दिनों में, चौधरी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और भाजपा के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा से हाथ मिलाया है। मंगलवार को उन्होंने दलितों के समर्थन में यहां एक मार्च की अगुवाई भी की।
Published on:
02 May 2018 02:45 pm
बड़ी खबरें
View Allराजनीति
ट्रेंडिंग
