
अलगाववादियों को फारूक अब्दुल्ला की सलाह, केंद्र की वार्ता में नहीं हो शामिल
श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने अलगाववादियों को केंद्र के साथ वार्ता में शामिल नहीं होने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि इससे उन्हें कुछ मिलने वाला नहीं है। ग्रेटर कश्मीर दैनिक समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में अब्दुल्ला ने अलगाववादियों से कहा, " उन्होंने हमें स्वायत्तता (ऑटोनॉमी) नहीं दी जिसकी गारंटी हमें संविधान देता है, वह आपको क्या देंगे?।"नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार अलगाववादियों के साथ संवाद के प्रति ईमानदार नहीं है। उन्होंने कहा, "यह मात्र खाली स्थान को भरने का अभ्यास है। भारत पर दुनिया का यह दबाव है कि कश्मीर में हालात सामान्य हों।"
इस जाल में मत फंसो
फारूक ने अलगाववादियों को दिए अपने संदेश में कहा, "यह एक जाल है। इसमें फंसो मत। बात सिर्फ तभी करो जब भारत एक ठोस प्रस्ताव के साथ आए।" उन्होंने अलगाववादियों को चेताते हुए कहा, "वार्ता करनी है, महज इसीलिए वार्ता मत करो। मुझे नहीं लगता कि वे (भाजपा) आपको (अलगाववादी) कुछ भी देने के लिए तैयार हैं। वे अपने इरादों में ईमानदार नहीं हैं। वे केवल उन्हें बदनाम करने के लिए वार्ता की मेज तक लाना चाहते हैं। अलगाववादियों के कुछ शीर्ष नेता या तो जेल में हैं या फिर उन्हें श्रीनगर में उनके घरों तक ही सीमित कर दिया गया है। अलगाववादियों ने नई दिल्ली के साथ संवाद प्रक्रिया में शामिल होने को लेकर अभी तक कोई सकरात्मक संदेश नहीं दिया है और नहीं इस दिशा में कोई बयान सामने नहीं आया है।
फारुक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान से बातचीत करने को कहा था
इससे पहले अप्रैल में ही नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हमारी लड़ाई कश्मीरियों के हक की लड़ाई है। इसके लिए केन्द्र सरकार को पाकिस्तान के साथ सकारात्मक पहल करनी चाहिए। इस मुद्दे पर बातचीत का इंतजार आखिरी बुलेट तक करना संभव नहीं है। केन्द्र सरकार जिस शर्त पर पाकिस्तान से बाचतीत करना चाहती है कि उसके लिए पाकिस्तान तैयार नहीं होगा। वार्ता में विलंब से घाटी में हिंसा बढ़ी है। इसलिए जरूरी है कि समय गवाए बगैर पाक से वार्ता शुरू हो। इसके बिना इस समस्या का कोई हल नहीं निकल सकता है।
Published on:
10 Jun 2018 06:33 pm
बड़ी खबरें
View Allराजनीति
ट्रेंडिंग
