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गोवा सीएम पर्रिकर की बिगड़ी तबीयत के बीच भाजपा में खुलकर सामने आई अंदरुनी कलह, कांग्रेस के पास बड़ा मौका

गोवा भाजपा में अंदरुनी कलह खुलकर आई सामने, अब प्रदेश अध्यक्ष ने पूर्व सीएम पर लगाए संगीन आरोप। कांग्रेस खेमे के लिए अच्छी खबर।

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गोवा सीएम पर्रिकर की बिगड़ी तबीयत के बीच भाजपा में खुलकर सामने आई अंदरुनी कलह, कांग्रेस के पास बड़ा मौका

नई दिल्ली। गोवा में सियासी संग्राम कम होने का नाम ही नहीं ले रहा, मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की बीमारी के बाद से ही गोवा का राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। इधर सीएम पर्रिकर अपनी सेहत से जूझ रहे हैं तो दूसरी भाजपा अपनों की ही बगावत से परेशान है। एक बार फिर भाजपा में कलह शुरू हो गया है। खास बात यह है कि अंदरूनी लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई है। प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष विनय तेंदुलकर ने आरोप लगाया है कि पूर्व मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया है। तेंदुलकर ने पणजी में एक सुरक्षा सम्मेलन के दौरान ये आरोप लगाए।

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दरअसल पारसेकर के बयानों को लेकर जब तेंदुलकर से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, 'जो भाषा उन्होंने इस्तेमाल की, यदि मैं इसे बोलता हूं, तो यह उचित नहीं होगा। पारसेकर ने हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष की मां के लिए अपशब्द कहे, क्या राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए ऐसे अपशब्दों का इस्तेमाल करने वाले को सीएम बनाया जाना चाहिए?, उन्होंने सीएम पर्रिकर के लिए भी ऐसी ही भाषा का प्रयोग किया, पारसेकर ने मुझसे वो सबकुछ रिकॉर्ड कर इन लोगों को सुनाने को कहा।'

पारसेकर ने आरोपों को बताया झूठा
तेदुलकर की ओर से लगाए आरोपों को पारसेकर ने सरासर गलत बताया। उन्होंने कहा कि 'मैंने जो कुछ भी कहा वो सिर्फ विनय तेंदुलकर के बारे में बोला था। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और सीएम मनोहर पर्रिकर के लिए भी मैंने एक भी शब्द नहीं कहा। तेंदुलकर का आरोप हीन भावना का तहत है।


कांग्रेस विधायकों की एंट्री से बढ़ा विवाद
आपको बता दें कि गोवा बीजेपी में तनाव तो पहले से ही था लेकिन ये खुलकर तब से सामने आने लगा है जब से कोर कमेटी ने कांग्रेस के दो विधायकों को पार्टी में शामिल किया है। इसमें दयानंद सोपटे भी शामिल हैं, जिन्होंने मंडेम निर्वाचन क्षेत्र से 2017 के विधानसभा चुनाव में पारसेकर को हराया था। सारा विवाद यहीं से शुरू हुआ है, बताया जा रहा है कि पारसेकर केंद्र के मनमाने दखल से खुश नहीं है।

भाजपा की बढ़ सकती है मुश्किल
सीएम पर्रिकर की तबीयत खराब होने के बाद से पार्टी की प्रदेश में जमकर किरकिरी हो रही है। खास तौर पर प्रदेश के कामों पर इसका सीधा असर पड़ा है। उधर..एम्स से लौटने के बाद भी पर्रिकर की हालत में खास सुधार नहीं हुआ है। दबी आवाज में अब भाजपा के कार्यकर्ता औऱ नेता कहने लगे हैं कि इससे पार्टी की छवि खराब हो रही है और इसका नुकसान पार्टी को हो सकता है।

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कांग्रेस के लिए बड़ा मौका
भाजपा के अंदरुनी कलह कांग्रेस खेमे के लिए अच्छी खबर साबित हो सकती है। खास तौर पर ऐसे समय में जब पार्टी से दो विधायक टूट कर भाजपा में गए हों और पार्टी नई ऊर्जा की तलाश में हो। आपको बता दें कि कांग्रेस में भी राहुल गांधी के युवाओं को बढ़ावा देने वाले कदम के चलते प्रदेश कांग्रेस में थोड़ी नाराजगी है। क्योंकि उनका ये फॉर्मूला खास काम नहीं कर पाया है। ऐसे में भाजपा की कलह का पार्टी के लिए बड़ा मौका है कि वे दोबारा सत्ता में आने के लिए इस सोची समझी रणनीति से भुनाएं।