चुनाव की तारीखों पर विवाद
चुनाव शुरु होने से पहले ही इसकी तारीखों को लेकर विवाद शुरु हो गया था। कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया था कि वो बीजेपी के साथ मिलकर मोदी के इशारे पर काम कर रहे हैं। दरअसल हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा के चुनाव एकसाथ होने के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन आयोग ने पहले हिमाचल प्रदेश के चुनाव की तारीखों का ऐलान तो कर दिया लेकिन गुजरात की नहीं की। इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने आयोग को घेर लिया।
गुजरात चुनाव प्रचार का सबसे विवादित मुद्दा बना मणिशंकर अय्यर का वो बयान, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी ने नीच कह दिया था। पीएम मोदी के बयान पर टिप्पणी देते हुए मणिशंकर अय्यर ने कहा, ‘‘जो अंबेडकर जी की सबसे बड़ी ख्वाहिश थी, उसे साकार करने में एक व्यक्ति सबसे बड़ा योगदान था, उनका नाम था जवाहरलाल नेहरू। अब इस परिवार के बारे में ऐसी गंदी बातें करें, वो भी ऐसे मौके पर जब अंबेडकर जी की याद में बहुत बड़ी इमारत का उद्घाटन किया गया। मुझे लगता है कि ये आदमी बहुत नीच किस्म का है, इसमें कोई सभ्यता नहीं है। ऐसे मौके पर इस प्रकार की गंदी राजनीति की क्या आवश्यकता है। इस बयान को लेकर जमकर राजनीति हुई।
अय्यर के बयान पर खुद पीएम मोदी ने पलटवार किया और कांग्रेस नेताओं द्वारा कहे कई अपशब्दों का जवाब दिया। अय्यर के बयान से उपजे विवाद को संभालने के लिए खुद राहुल गांधी आगे आ गए और मणिशंकर अय्यर को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबत कर दिया।
ईवीएम में धांधली की शिकायत तो लगभग हर चुनाव के दौरान होती है। लेकिन गुजरात विधानसभा चुनाव में पहली बार ईवीएम को ब्लूटूथ से कनेक्ट करने का मामला सामने आया। पोरबंदर विधानसभा ठक्कर प्लॉट बूथ से इसे लेकर शिकायत हुई। चुनाव आयोग के टीम मौके पर पहुंची और ईवीएम की सघनता से जांच हुई जिसके बाद आरोप लगत साबित हुए।
गुजरात चुनाव में पाकिस्तानी राजनीति
इस चुनाव में पहली बार पाकिस्तान का मुद्दा भी उठा। खुद प्रधानमंत्री ने मंच से कहा कि कांग्रेस नेताओं ने गुजरात चुनाव को लेकर पाकिस्तान के साथ बैठक की है। इतना ही नहीं पीएम ने तो कहा कि कांग्रेस के मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान जाकर उनको रास्ते से हटाने की सुपारी भी दी है। इस बयान पर भी दोनों दलों ने दिग्गजों ने जमकर बयानबाजी की। अंत में खुद पाकिस्तान ने कहा कि आप अपनी राजनीति में हमें न घसीटें।
पोस्टरों पर भी हुआ विवाद
गुजरात चुनावों में पोस्टरबाजी से भी जमकर राजनीति हुई। कुछ शहरों में ऐसे पोस्टर लगाए गए जिसमें कांग्रेस की ओर से अहमद पटेल को मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किया गया। जिसे खुद अहमद पटेल ने ही खारिज कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने इस पोस्टर के पीछे बीजेपी की साजिश होने का दावा किया।
राहुल को मिली पार्टी की कमान
पिछले 13 साल से सक्रिय राजनीति का हिस्सा बने राहुल गांधी इस चुनाव में काफी परिपक्व नजर आए। इसी दौरान उन्हें कांग्रेस पार्टी की कमान सौंपने की घोषणा हुई और दूसरे चरण के मतदान से पहले ही उन्हें अध्यक्ष घोषित भी कर दिया गया।
इस चुनाव में मंदिरों को लेकर भी खूब बयानबाजी और राजनीति हुई। इस चुनाव प्रचार में शायद ही कोई ऐसा दिन होगा जब राहुल गांधी गुजरात के किसी मंदिर में दर्शन के लिए न पहुंचे हो। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन भी उन्होंने जगन्नाथ मंदिर में दर्शन किए। इसी चुनाव में राहुल गांधी की जाति को लेकर भी विवाद हुआ। जिसके बाद कांग्रेस ने उनकी जनेऊ धारण की हुई तस्वीर जारी की।
सोशल मीडिया पर सबसे एक्टिव रहने वाली बीजेपी को गुजारत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पहली बार टक्कर दी है। चुनाव शुरु होते राहुल गांधी ने #गुजरात_मांगे_जवाब से रोजाना एक सवाल बीजेपी और पीएम मोदी से पूछना शुरु कर दिया। आज उन्होंने अपना 14वां सवाल पूछा है।
सीप्लेन से सफर करने वाले पहले पीएम मोदी
गुजरात विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी ने सीप्लेन की सवारी की। साबरमती नदी से मेहसाणा जिले के धरोई बांध तक सीप्लेन के जरिए हवाई यात्रा करते हुए यहां पहुंचे। आपको बता दें कि सीप्लेन से सफर करने वाले नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री बनें हैं। इससे पहले किसी प्रधानमंत्री ने सीप्लेन से सफर नहीं किया था। धरोई बांध पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने सड़क के रास्ते ही अंबाजी मंदिर तक का सफर तय किया। पीएम मोदी ने सरदार ब्रिज से सीप्लेन तक की उड़ान भरी थी।