
नई दिल्ली। देश के पिछड़ेपन के लिए पांच राज्यों को जिम्मेदार ठहराने वाले नीति आयोग के बयान पर बिहार के सत्ताधारी दल जेडीयू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जेडीयू की ओर से कहा गया है कि विकास के इस असंतुलन के लिए राज्य नहीं, बल्कि ऐतिहासिक कारण जिम्मेदार हैं। बता दें कि नीति आयोग के सीईओ ने अपने बयान में कहा था कि देश के पिछड़ेपन के पीछे बिहार, यूपी, छत्तीसगढ़ जैसे राज्य जिम्मेदार हैं।
पिछड़ेपन के लिए जिम्मेदार नहीं राज्य
नीति आयोग के बयान पर जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने सवाल दागते हुए कहा कि देश में असमान विकास के लिए कौन जिम्मेवार है? जेडीयू के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि बिहार पिछड़े राज्य की सूची में शामिल है, बावजूद इसके राज्य में पिछले 12 सालों से लगातार विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर में राष्ट्रीय औसत से आगे रहा है। उन्होंने कहा कि असल में पिछड़ेपन के कारण जनसंख्या का घनत्व, सीमावर्ती राज्यों की नदियों का दंश व अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण यदि पिछड़ापन मानव विकास सूचकांक के मार्ग में बाधा बनता है तो इसमें राज्य का कोई दोष नहीं है। जेडीयू नेता ने यह भी का कि आज देशभर के राज्यों के विकास में बिहार के लोगों का महत्वपूर्ण योगदान है तो ऐसे में राज्य पिछड़ेपन के लिए जिम्मेदार कैसे हो सकता है।
मानव विकास सूचकांक को बेहतर बनाने का प्रयास
नीरज ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मानव विकास सूचकांक को बेहतर बनाने के लिए ही राज्य में शराबबंदी, बाल विवाह, दहेज प्रथा जैसी बुराइयों को समाप्त करने के लिए समाज में जनजागरूकता अभियान चलाया है, ताकि प्रति व्यक्ति आय के माध्यम से सामान्य जीवन स्तर को सुधारा जा सके। उल्लेखनीय है कि नीति आयोग के सीईओ ने दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में एक समारोह में कहा था कि देश के दक्षिणी और पश्चिमी राज्य तेजी से तरक्की कर रहे हैं, लेकिन बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों के कारण भारत पिछड़ा बना हुआ है।
Published on:
24 Apr 2018 06:44 pm
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