
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव ( Bihar Election Results 2020 ) के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। बीजेपी इस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। बीजेपी की इस बंपर बढ़त के पीछे वैसे तो कई लोगों की भूमिका रही है। लेकिन बतौर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के लिए ये चुनाव किसी टेस्ट से कम नहीं था। अध्यक्ष पद संभालने के बाद कोरोना जैसी महामारी के बीच इस चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन का दारोमदार जेपी नड्डा के कंधों पर भी था।
शुरुआती परिणामों पर नजर दौड़ाएं तो जेपी नड्डा अपने सबसे बड़ा टेस्ट में पास होते नजर आ रहे हैं। हालांकि इसके पीछे नड्डा की कड़ी मेहनत ने बड़ा रोल निभाया है।
22 चुनावी रैलियां
जेपी नड्डा ने बिहार चुनाव की जिम्मेदारी को अपने कंधों पर संभालते हुए। चुनाव के दौरान ताबड़तोड़ 22 रैलियां कीं। इस दौरान उनके सामने नीतीश कुमार से लोगों की नाराजगी जैसे मुद्दों के साथ कोरोना वायरस जैसी महामारी का संकट भी सामने खड़ा था।
नीतीश सरकार की एंटी इंकमबेंसी भी किसी चुनौती से कम नहीं थी, लेकिन जेपी नड्डा ने अपने कुशल नेत्तृत्व का परिचय दिया और पार्टी के फेवर में जनमत संग्रह करने में कामयाब रहे।
बतौर अध्यक्ष बड़ा जिम्मा
अध्यक्ष बनने के बाद जेपी नड्डा के लिए ये चुनाव काफी महत्वपूर्ण था। क्योंकि इसके परिणाम उनके नेतृत्व के साथ-साथ बीजेपी के आगे भविष्य को भी तय करने वाले थे। ऐसे में जेपी नड्डा ने ना सिर्फ खुद चुनावी मैदान को संभाला बल्कि प्रदेश ईकाई से लगातार संपर्क में रहकर हर छोटी-बड़ी जरूरत का ध्यान रखा।
महागठबंधन पर वार
अपने भाषणों में जेपी नड्डा ने लगातार महागठबंधन पर वार किया। फिर चाहे वो तेजस्वी के रोजगार की गारंटी हो या फिर गुंडा और जंगलराज का इतिहास। जेपी नड्डा ने जनता के सामने केंद्र और बीजेपी की उपलब्धियों को बखूबी रखा।
चाणक्य ने बनाई दूरी तो नड्डा बने धुरी
बीजेपी के अमित शाह ने बिहार चुनाव में दूरी बनाए रखी। ऐसे में जेपी नड्डा के ऊपर जिम्मेदारी और बढ़ गई। शाह कोरोना और स्वास्थ्य के चलते बिहार चुनाव में अपना ज्यादा दखल नहीं दे पाए।
हालांकि उन्होंने सीट बंटवारे तक बड़ी भूमिका निभाई, लेकिन इसके बाद आखिरी चरण के मतदान तक जेपी नड्डा पार्टी बैठकों से लेकर कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय तक हर मोर्चे पर डंटे रहे।
Published on:
10 Nov 2020 05:14 pm
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