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कर्नाटक के मंत्री बोले- हर मुसलमान चाहता है अयोध्या में राम मंदिर बने लेकिन मस्जिद भी हो साथ

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देशभर के मुस्लमान चाहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर बने।

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Chandra Prakash Chourasia

Nov 10, 2018

Karnataka Minister

कर्नाटक के मंत्री बोले- हर मुसलमान चाहता है अयोध्या में राम मंदिर बने लेकिन मस्जिद भी हो साथ

नई दिल्ली। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले एकबार फिर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर पूरे देश में राजनीतिक माहौल तैयार किया जा रहा है। क्या सत्ता पक्ष या विपक्ष हर कोई राम के नाम पर जमकर राजनीति कर रहा है। इसी बीच कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के मंत्री बीजेड जमीर अहमद ने कहा कि पूरे देश के मुस्लमान चाहते हैं कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य राम मंदिर बने लेकिन इसके साथ ही मस्जिद भी बननी चाहिए।

मंदिर के साथ मस्जिद भी बने: जमीर अहमद

कर्नाटक के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री बीजेड जमीर अहमद खान के टीपू जयंती के अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सिर्फ कर्नाटक नहीं बल्कि देशभर के मुस्लमान राम मंदिर के खिलाफ नहीं हैं। हम सब चाहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर बने लेकिन हमारी जिस मस्जिद को गिराया गया है, उसका भी निर्माण होना चाहिए। हम राम मंदिर के खिलाफ नहीं हैं। हम सिर्फ अपना अधिकार मांग रहे हैं।

राम मंदिर था, है और रहेगा: योगी

बुधवार को दिवाली के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में कहा कि केंद्र सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए संविधान के दायरे में विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है। योगी ने ऐलान किया कि अयोध्या राम लला का घर है और यहां मंदिर था, है और रहेगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या के लिए हमारे पास व्यापक योजनाएं हैं और हम उस दिशा में काम कर रहे हैं।

साधु-संतों का सरकार को अल्टीमेटम

इससे पहले रविवार को राजधानी दिल्ली में हिंदू साधु-संतों ने संत समागम में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार से अध्यादेश लाने या कानून बनाने की मांग की। संतों ने इस बात पर जोर दिया कि अदालत को भी जन-भावनाओं का आदर करना चाहिए। कार्यक्रम के आयोजक अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय सचिव जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि संतों ने घोषणा की है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए या तो कानून बनाया जाए या अध्यादेश लाया जाए। हमें दोनों शर्ते मंजूर हैं। बता दें कि अयोध्या विवाद मामले पर सर्वोच्च न्यायालय के अगले साल जनवरी में सुनवाई होगी।