
कश्मीर में सरकार गिरने के बाद पीडीपी में बगावत, कांग्रेस से गठबंधन पर महबूबा ने दिया बड़ा बयान
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में सरकार गिरने के बाद वहां की राजनीतिक हलचल काफी बढ़ गई है। राज्यपाल शासन लागू होने के बाद यहां एक बार फिर सरकार बनाने की चर्चा शुरू हो गई है। लेकिन, उससे पहले पीडीपी में बड़ी बगावत हो गई है। दरअसल, पार्टी के तीन विधायकों ने घोषणा कर दी है कि वे पार्टी छोड़ रहे हैं। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि ये तीनों विधायक उस समय पार्टी छोड़ रहे हैं, जब सूबे में एक बार फिर पीडीपी सरकार बनाने का रास्ता ढूंढ रही है।
कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं- मुफ्ती
वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस घाटी में पीडीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की तैयारी कर रही है। चर्चा तो यहां तक है कि दोनों ही दलों के बीच बैठक होने वाली है। लेकिन, उससे पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बड़ा ऐलान कर दिया है। पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जम्मू कश्मीर में सरकार गठन के लिए उनकी पार्टी और कांग्रेस के बीच संभावित गठबंधन के बारे में आई मीडिया रिपोर्ट्स को सिरे से खारिज कर दिया है। महबूबा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सरकार गठन के लिए पीडीपी-कांग्रेस के बीच एक संभावित गठबंधन के बारे में मीडिया अटकलों के बारे में हंसी आती है। उन्होंने कहा कि सोनिया जी और मेरे बीच भी बैठक होने की अटकल है, जो पूरी तरह से मनगंढत है। उन्होंने कहा कि पीडीपी, कांग्रेस के साथ मिलकर घाटी में सरकार नहीं बनाएगी। गौरतलब है कि इससे पहले सरकार गिरते ही कांग्रेस के कद्दावर नेता गुलाम नबी आजाद ने साफ कहा था कि पीडीपी के साथ न अभी और न भविष्य में किसी गठबंधन का कोई सवाल ही नहीं है।
वहीं, मंगलवार को महबूबा मुफ्ती के खिलाफ विद्रोह का बिगुल उन्हीं की सरकार में मंत्री रहे इमरान रजा ने बजाया। इमरान ने महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए उन पर पार्टी और पूर्व पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में भाई-भतीजावाद का आरोप लगाया। इमरान ने कहा कि महबूबा मुफ्ती ने पीडीपी को न केवल पार्टी के रूप में नाकाम किया, बल्कि अपने दिवंगत पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद के उन सपनों को तोड़ दिया जो उन्होंने देखे थे। बहराहला, घाटी में एक बार फिर राजनीति गरमा गई है। अब देखना यह है कि यहां की राजनीति किस रूप में करवट लेती है।
Published on:
03 Jul 2018 12:00 pm
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