
मंत्रिमंडल का विस्तार होते ही कांग्रेस-जेडीएस में कटास, कई कांग्रेसी नेता हुए नाराज
नई दिल्ली। काफी जद्दोजहद के बाद शुक्रवार को कर्नटाक में आखिरकार मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया। दोनों दलों के बीच बने फॉर्म्युले के तहत जेडीएस को प्रमुख विभाग वित्त, ऊर्जा, एक्साइज और पीडब्ल्यूडी मिले हैं। लेकिन, विभागों का बटवारा होते ही कांग्रेस खेमें में नाराजगी पैदा हो गई है। इस निर्णय के बाद कांग्रेस के कई नेता नाराज हो गए। खासकर डीके शिवकुमार, जिन्होंने कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की सरकार बनाने में सबसे अहम भूमिका निभाया।
नाराज हो गए शिवकुमार
ऐसा कहा जा रहा है कि ऊर्जा और पीडब्ल्यूडी विभाग जेडीएस को दिए जाने से नाराज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार ने मीटिंग में ही हिस्सा नहीं लिया। गौरतलब है कि कांग्रेस की पिछली सरकार में शिवकुमार के पास ऊर्जा मंत्रालय था। दोनों पार्टियों ने गठबंधन की सरकार को सही तरीके से चलाने के लिए एक फॉर्म्युला तय किया है। गौरतलब है कि कांग्रेस के लिए डीके शिवकुमार संकटमोचन की तरह हैं। चाहे वह गुजरात का राज्यसभा चुनाव हो या फिर हाल में कर्नाटक में विश्वासमत की बात हो, हर बार डीके शिवकुमार ने कांग्रेस की नैया पार लगाई। अपने इस काम के लिए डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम पद की उम्मीद
कर रहे थे, लेकिन उन्हें नहीं मिला। इतना ही नहीं ऊर्जा मंत्रालय भी नहीं मिल पाने से उनकी नाराजगी और ज्यादा बढ़ गई है।
मंत्रियों के नामों का ऐलान होना बाकी
फिलहाल, मंत्रियों के नामों का ऐलान बाकी है। वित्त मंत्रालय को लेकर खींचतान की बात स्वीकारते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद इसे भी जेडीएस को दे दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि राहुल चाहते हैं कि देशहित में यह गठबंधन सफल रहे। उन्हीं की सलाह पर हमने ऐसा किया। लेकिन, कयास लगाया जा रहा है कि इस फैसले के बाद जो कांग्रेसी नेता नाराज हुए इसका परिणाम शायद अच्छा न हो। इतना ही नहीं भविष्य में इस फैसले से पार्टी को बड़ा नुकसान भी हो सकता है।
Published on:
02 Jun 2018 02:02 pm
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