
नई दिल्ली। महाराष्ट्र ( Maharashtra politics ) में लंबे संघर्ष के बाद सरकार बनाने में कामयाब रही शिवसेना ने सरकार बनाने के दो हफ्ते बाद अपने मंत्रालयों को बंटवार कर लिया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ( CM Udhav Thakrey ) ने अपने दोनों सहयोगी दलों एनसीपी और कांग्रेस को बराबर संतुष्ट रखने की कोशिश की है। हालांकि अब तक सिर्फ मंत्रालयों का बंटवारा हुआ है जबकि मंत्रिमंडल विस्तार में डिप्टी सीएम के साथ अन्य मंत्रियों के नाम पर मुहर नहीं लगी है।
किसको क्या मिला?
मंत्रालयों के बंटवारे में उद्धव ठाकरे ने तीनों दलों में बराबर वेटेज देते हुए मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी है।
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शिवसेना के पास गृह विभाग
शिवसेना ने अपने जिन मंत्रालयों को रखा है उनमें गृह मंत्रालय, शहरी विकास, PWD और पर्यावरण प्रमुख रूप से शामिल हैं।
एनसीपीः शिवसेना के बाद एनसीपी के भी महत्वपूर्ण विभाग दिए गए हैं। इनमें वित्त मंत्रालय, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, जल संसाधन और खाकद्य आपूर्ति प्रमुख रूप से शामिल है।
कांग्रेसः कांग्रेस को भी अपने शेयर के मुताबिक मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनमें राजस्व मंत्रालय का महत्वपूर्ण जिम्मेदारी कांग्रेस नेताओं के हाथ में होगी। जबकि ऊर्जा मंत्रलाय और आदिवासी कल्याण विभाग का जिम्मा भी कांग्रेस का होगा।
उद्धव के पास नहीं कोई विभाग
मंत्रालयों के बंटवारे में उद्धव ठाकरे ने अपने पास कोई जिम्मेदारी नहीं रखी है। यानी कोई भी मंत्रालय का काम उद्धव ने अपने पास नहीं रखा है।
डिप्टी सीएम पर सस्पेंस बरकरार
मंत्रालयों के बंटवारे तो आखिरकार उद्धव ठाकरे ने कर दिए, लेकिन अब तक डिप्टी सीएम के नाम पर सस्पेंस बरकरार है। दरअसल इस दौड़ में सबसे आगे अजित पवार का ही नाम चल रहा है। लेकिन दूसरी तरफ सूत्रों की मानें तो कांग्रेस चाहती है एनसीपी के किसी अन्य बड़े नेता को ये जिम्मेदारी सौंपी जाए। क्योंकि अजित पवार एक बार पहले ही बगावत कर चुके हैं।
उधर..शिवसेना ने अजित पवार के मसले पर हर फैसला एनसीपी के ऊपर ही छोड़ दिया है। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि आखिर महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री का ताज किसके सिर सजता है।
Updated on:
12 Dec 2019 10:31 pm
Published on:
12 Dec 2019 06:08 pm
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