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गुजरात दंगेः नानावटी आयोग की फाइनल रिपोर्ट विधानसभा में पेश, नरेंद्र मोदी बेदाग

Nanvati Commission की रिपोर्ट में नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट गुजरात दंगों में अधिकारियों को नहीं दिए कोई निर्देश गृहमंत्री संजीव भट्ट के आरोप खारिज

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नई दिल्ली। गुजरात दंगों को लेकर सबसे बड़ी खबर सामने आई है। गुजरात के गोधरा में साल 2002 में हुए ट्रेन हादसे को लेकर गठित नानावती आयोग रिपोर्ट का दूसरा भाग बुधवार को विधानसभा में पेश हुआ। इस रिपोर्ट में जो बात सामने आई उसमें तात्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी गई है। मोदी के ऊपर लगे सभी आरोप खारिज कर दिए गए हैं।

आपको बता दें कि इस रिपोर्ट के बाद गुजरात के गृहमंत्री संजीव भट्ट के सभी आरोप गलत साबित हुए हैं। रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है कि नरेंद्र मोदी ने किसी भी अधिकारी को कोई निर्देश नहीं दिया था।

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आंकड़ों पर नजर
- 27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में पर हमला
- 59 कारसेवकों को जलाने की घटना
- प्रतिक्रियास्वरूप समूचे गुजरात में दंगे भड़क उठे
- 03 मार्च 2002 को इसकी जांच सीएम नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति जीटी नानावती की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया।
- न्यायमूर्ति केजी शाह आयोग के दूसरे सदस्य थे।
- 2009 में शाह के निधन के बाद अक्षय मेहता को सदस्य बनाया गया।

शुरू में आयोग को साबरमती एक्सप्रेस में आगजनी से जुड़े तथ्य और घटनाओं की जांच का काम सौंपा गया था। लेकिन जून 2002 में आयोग को गोधरा कांड के बाद भड़की हिंसा की भी जांच करने के लिए कहा गया। पहले पेश की गई रिपोर्ट में आयोग ने साबरमती एक्सप्रेस की बोगी संख्या-छह में आग लगाने को सुनियोजित साजिश का परिणाम बताया था।