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12 साल BJP में रहने के बाद कांग्रेस के हुए सिद्धू, अमृतसर से लड़ेंगे चुनाव 

भाजपा के पूर्व सांसद और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू 12 साल भाजपा में रहने के बाद रविवार को आधिकारिक रूप से कांग्रेस में शामिल हो गए। 

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Anuj Shukla

Jan 15, 2017

Navjot singh siddhu

Navjot singh siddhu

चंडीगढ़. भाजपा के पूर्व सांसद और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू 12 साल भाजपा में रहने के बाद रविवार को आधिकारिक रूप से कांग्रेस में शामिल हो गए। पार्टी वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने उनका पार्टी में स्वागत किया है। पार्टी ने कहा कि सिद्धू के आने से चुनाव में कांग्रेस के अभियान को फायदा मिलेगा। उन्हें विधानसभा चुनाव में अमृतसर से टिकट दिया गया है। सिद्धू भाजपा के टिकट पर लोकसभा और बाद में राज्य सभा के सांसद रहे। पिछले लोकसभा चुनाव में अमृतसर से उनका टिकट काट दिया था। इस बात से सिद्धू काफी नाराज थे।


पति- पत्नी करते रहे हैं बादल का विरोध

लोकसभा चुनाव के दौरान सिद्धू का टिकट काट दिया गया था। उनकी जगह वित्त मंत्री अरुण जेटली को चुनाव लडवाया गया था। हालांकि वे चुनाव हार गए थे। टिकट कटने से नाराज सिद्धू को बाद में भाजपा ने राज्यसभा में भेजा। हालांकि 12 साल तक भाजपा में रहने के बाद दो महीने पहले ही उन्होंने राज्यसभा सीट और पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद चर्चा थी कि वे आम आदमी पार्टी में जाएंगे। केजरीवाल के साथ उनकी कई दौर बातचीत भी हुई। सूत्रों के मुताबिक़ आप में बेहतर भूमिका नहीं मिलने से नाराज सिद्धू ने कांग्रेस में जाने का फैसला लिया। कहा जा रहा है कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सिद्धू को भी बड़ी भूमिका सौंपी जाएगी। सिद्धू की पत्नी भी भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गई हैं। दोनों पति-पत्नी लंबे वक्त से पंजाब में बादल सरकार की आलोचना करते रहे हैं।

सिद्धू ने कहा, फ्रंट फुट पर नई पारी की शुरुआत

कांग्रेस में शामिल होने के बाद सिद्धू ने ट्वीट कर कहा, "फ्रंट फुट पर यह नई पारी की शुरुआत है। पंजाब, पंजाबियत और हर पंजाबी की जरूर जीत होगी।" सिद्धू ने सुबह राहुल गांधी से मुलाक़ात की। कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने सिद्धू के पार्टी में शामिल होने पर उनका धन्यवाद किया और कहा उनके आने से पंजाब विधानसभा चुनाव में फर्क पड़ेगा।

captain amarinder singh to be candidate against cm

इससे पहले शनिवार को पंजाब कांग्रेस के मुखिया और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख़्तसर जिले की लंबी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई। इसी सीट से पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल विधायक हैं। उन्होंने लंबी से नामांकन भी कर दिया है। कैप्टन द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए के पीछे ख़ास स्ट्रेटजी है। उन्होंने लंबी से चुनाव लड़ने के पीछे की इच्छा से पार्टी हाईकमान सोनिया गांधी को अवगत कराया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे पटियाला से भी चुनाव लड़ेंगे। लंबी विधानसभा सीट बादल परिवार का गढ़ है।

क्या है लंबी से कैप्टन की उम्मीदवारी की वजह?

#1. पंजाब में जनता को आप की जगह कांग्रेस का सीधे-सीधे ऑप्शन देना
पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पंजाब में तीसरे नंबर पर चली गई थी। राज्य में अकाली-भाजपा गठबंधन के खिलाफ आप आक्रामक तौर पर मुख्य विपक्षी दल के रूप में सामने है। पूरे राज्य में कांग्रेस के लिए यह चिंता का विषय है। बादल के खलाफ सीधे अमरिंदर का उतरना राज्य में अकालियों के खिलाफ कांग्रेस को अच्छे विकल्प के तौर पर लाएगी।

#2. मुख्यमंत्रियों की लड़ाई
लंबी से कैप्टन का चुनाव लड़ना सीधे मुख्यमंत्री के तौर पर पंजाब को एक मजबूत विकल्प देना है। कांग्रेस के पूरे अभियान को लंबी से कंट्रोल किया जा सकता है। इससे जहां बादल परिवार अपने घर में फंसने को मजबूर होगा, वहीं कैप्टन और कांग्रेस के लिए पूरे पंजाब में एक बेहतर माहौल बनेगा।

#3. बादल के खिलाफ गुस्से को कैश कराना
कई मुद्दों पर बादल के खिलाफ पंजाब भर में गुस्सा है। पिछले दिनों लंबी में उन पर जूता भी फेंका गया। कांग्रेस की कोशिश बादल के गढ़ में उनके खिलाफ बने माहौल को कैश कराना है। कैप्टन के लड़ने से अकाली दल और बादल के खिलाफ खुद बी खुद कांग्रेस और कैप्टन चर्चा में आ जाएंगे।

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