कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को सीबीएसई क्लास 10 ( CBSE Class 10th) बोर्ड परीक्षा के अंग्रेजी पेपर (English Paper) को निम्न स्तर का कहा। राहुल गांधी ने कहा कि यह युवाओं के मनोबल और भविष्य को कुचलने के लिए आरएसएस-भाजपा की एक घटिया चाल थी। कांग्रेस नेता ने छात्रों को सलाह दी कि केवल कड़ी मेहनत ही सफलता दिलाएगी, कट्टरता नहीं।
कांग्रेस नेता ने ट्विटर पर कहा, “अधिकतर सीबीएसई (CBSE) के पेपर काफी कठिन थे और अंग्रेजी के पेपर में कॉम्प्रिहेंशन(comprehension) पैसेज बहुत ही खराब था। ये बीजेपी-आरएसएस का षड्यन्त्र है ताकि वो युवाओं के नैतिक मनोबल और भविष्य को कुचल सकें। बच्चों, अपना बेस्ट दो कड़ी मेहनत से सफलता मिलती है, कट्टरता से नहीं।”
आज लोकसभा में भी शून्यकाल के दौरान कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने भी इस मुद्दे को उठाया। सोनिया गांधी ने 10 वीं की परीक्षा में आपत्तिजनक पैसेज का उल्लेख भी किया। सोनिया गांधी ने लोकसभा में महिला विरोधी कंटेन्ट को उठाया और कहा, ’10 वीं के अंग्रेजी के पेपर में दिए गए काम्प्रिहेंशन(comprehension) पैसेज में लिखा गया है कि महिलाओं को स्वतंत्रता, सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं की वजह से मिल रही है।’
इसके साथ ही सोनिया गांधी ने बताया कि इसमें ये भी लिखा गया है कि ‘पत्नियों ने अपने पति की बात माननी बंद कर दी है और यही मुख्य कारण है कि बच्चे अनुशासित नहीं हैं।’
इस आपत्तिजनक कंटेन्ट के लिए सोनिया गांधी (Sonia Gandhi)ने लोकसभा में कहा कि ऐसे कंटेन्ट के लिए शिक्षा मंत्रालय और सीबीएसई को माफी मांगनी चाहिए। इससे पहले, प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस मामले को लेकर सीबीएसई (CBSE) और भाजपा पर निशान साधा था। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था, “अविश्वसनीय! क्या हम वास्तव में बच्चों को ये सिखा रहे हैं? स्पष्ट रूप से भाजपा सरकार महिलाओं पर ऐसे घटिया विचारों का समर्थन करती है, अन्यथा ये सीबीएसई के पाठ्यक्रम में क्यों शामिल होते?”
बता दें कि शनिवार को सीबीएसई (CBSE) के 10 वीं के अंग्रेजी पेपर (English Paper) में कुछ ऐसे सवाल दिए गए थे जिसने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। इस पेपर में पूछे गए सवालों को रूढ़िवादी और महिला विरोधी बताया जा रहा है।