
लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़े राजनीतिक बदलाव देखने को मिल सकता है। इसके पीछे कारण है भाजपा और रालोद के बीच बढ़ती नजदीकियां है। बता दें कि बुधवार को रालोद के नौ में से आठ विधायकों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में मुलाकात की। वहीं, रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने दिल्ली विधेयक पर राज्यसभा में वोटिंग के दौरान मौजूद नहीं थे।
रालोद के 9 में से 8 विधायक CM से मिले
राष्ट्रीय लोकदल के 9 में से 8 विधायकों ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। केवल गुलाम मोहम्मद शामिल नहीं हो पाए क्योंकि, उस समय सदन में उनका प्रश्न लगा था। हालांकि रालोद विधायक ने कहा कि वे प्रदेश में बाढ़ से हुए नुकसान का मुआवजा देने, बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान करने, गन्ना मूल्य में वृद्धि करने, किसानों को फ्री बिजली देने जैसे मामलों पर सीएम से मिले थे।
चुनाव से पहले विपक्ष को झटका दे सकते है छोटे चौधरी
छोटे चौधरी पिछले दो चुनावों से उत्तर प्रदेश में सपा के सहयोगी हैं। लेकिन कोई खास सफलता नहीं मिल पाई है। 2019 के मोदी लहर में वह सपा के साथ गठबंधन होने के बाद भी अपनी सीट नहीं बचा पाए थे। हालांकि सपा ने उन्हें अपने सहयोग से राज्यसभा भेज दिया। बावजूद इसके जयंत की मतदान से दूरी से पर्दे के पीछे भाजपा से बातचीत की चर्चाओं को बल मिला है। सूत्रों का कहना है कि शीर्ष स्तर पर भाजपा की जयंत से बातचीत चल रही है। पार्टी ने जयंत के सामने दो सीटों का प्रस्ताव रखा है। हालांकि, इस पर अंतिम फैसला नहीं हो पाया है।
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Published on:
10 Aug 2023 11:42 am
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