
दिल्ली : भाजपा में होगी जिले स्तर पर बनाए जाएंगे संगठन मंत्री, संघ की देखरेख में होगी नियुक्ति
नई दिल्ली : भाजपा की नजर दिल्ली में 2019 में 2014 के लोकसभा परिणाम को दोहराने पर लगी है। इस कोशिश में भाजपा की केंद्रीय कमिटी, दिल्ली भाजपा समेत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी लगा है। यही वजह है कि दिल्ली में भाजपा को कैसे मजबूत किया जाए, इस पर मंथन जारी है। इस संबंध में भाजपा के साथ संघ की कई दौर की बैठकें हो चुकी है और इसमें इस बात पर करीब-करीब सहमति बन चुकी है कि दिल्ली के हर जिले में संगठन मंत्री बनाया जाए और इनकी नियुक्ति की जिम्मेदारी संघ के पास होगी।
लेकिन सिर्फ यही एक वजह नहीं है, जिस कारण संघ यह नियुक्तियां करना चाहता है। इसकी एक वजह यह भी है कि भाजपा नेता की महत्वकांक्षाएं सामने नहीं आएगी, क्योंकि संगठन मंत्री के पद पर जब संघ के प्रचारक होंगे तो खींचतान की समस्या भी नहीं शामिल होगी और संगठन के निचले स्तर तक उसकी करीबी नजर रहेगी। इस तरह उसकी पकड़ भाजपा संगठन पर भी बनी रहेगी।
कई दौर की बातचीत के बाद हुआ निर्णय
सूत्रों ने यह जानकारी दी कि दिल्ली में क्या रणनीति बनाई जाए, इसके लिए भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेताओं में कई दौर की बैठक हुई है और दोनों इस नतीजे पर पहुंचे कि जिले स्तर पर संगठन मंत्री बनाया जाए और इसकी कमान संघ संभाले। अब संघ दिल्ली के हर जिले में संगठन मंत्री बनाने के लिए उम्मीदवारों को तलाश रहा है।
संगठन मंत्री संघ और भाजपा का समन्वयकर्ता होता है
बता दें कि भाजपा में संगठन मंत्री का पद काफी अहम होता है। यह भाजपा में संघ का प्रतिनिधि होता है। राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर अमूमन यह देखा जाता है कि संघ का प्रचारक ही इस पद पर काबिज होता है। संघ का मानना है कि संघ प्रचारक की कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं होती, इसलिए वह इस पद के लिए सबसे बेहतर हैं। वह बिना किसी निजी राजनैतिक महत्वकांक्षा के पार्टी के सारे फैसले निष्पक्ष तरीके से लेगा।
2007 के बाद से नहीं हैं संगठन मंत्री
बता दें कि 2007 तक दिल्ली में जिला स्तर पर संगठन मंत्री रखे गए थे, तब उनकी राजनैतिक महत्वकांक्षाएं सामने आने लगी थी। उनमें से अधिकतर ने 2007 के म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के चुनाव के लिए टिकट की दावेदारी जताई थी। कुछ की दावेदारी स्वीकार भी की गई थी। लेकिन इसके बाद इस पद को ही समाप्त कर दिया गया। बता दें कि उस वक्त जिले के संगठन मंत्री का पद संघ के प्रचारकों के पास नहीं था, बल्कि भाजपा नेता ही इस पद पर सुशोभित थे। अब यह समस्या आ रही है कि इतनी संख्या में प्रचारकों को कहां से लाया जाए, क्योंकि संघ में इतने प्रचारक होते नहीं हैं। इसलिए संघ ने यह तय किया है कि वह अपनी देखरेख में प्रतिबद्ध लोगों की नियुक्ति इस पद पर करेगा। हालांकि संघ की यह कोशिश रहेगी कि इसमें अधिक से अधिक संगठन मंत्री संघ के प्रचारकों को ही बनाया जाए।
Published on:
14 Sept 2018 08:25 pm
बड़ी खबरें
View Allराजनीति
ट्रेंडिंग
