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राम सिर्फ भगवान नहीं इमाम-ए हिंद हैं, अयोध्या में जल्द बनना चाहिए भव्य : मोहन भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सदस्य होने की वजह से मैं चाहूंगा कि अयोध्या में जन्मभूमि पर जल्द से जल्द भव्य राममंदिर बनना चाहिए।

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Chandra Prakash Chourasia

Sep 19, 2018

Mohan Bhagwat

राम सिर्फ भगवान नहीं इमाम-ए हिंद हैं, अयोध्या में जल्द बनना चाहिए भव्य : मोहन भागवत

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार अयोध्या में राम मंदिर पर खुलकर अपनी बात कही है। भागवत ने कहा कि राम मंदिर पर अध्यादेश का मामला सरकार के पाले में है और आयोजन का हक राम जन्म भूमि मुक्ति संघर्ष समिति के पास है और मैं दोनों में नहीं हूं। हालांकि संघ का सदस्य होने की वजह से मैं चाहूंगा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर जल्द बनना चाहिए।

जन्मभूमि पर ही बने भव्य राम मंदिर: भागवत

'भविष्य का भारत : आरएसएस का दृष्टिकोण' व्याख्यान समारोह के अंतिम दिन प्रश्नोत्तर सत्र में भागवत ने कहा कि भगवान राम भारत राष्ट्र के बहुसंख्य लोगों के लिए भगवान हैं लेकिन वे सिर्फ भगवान नहीं है। लोग उनको इमाम-ए हिंद मानते हैं। इसलिए मैं चाहूंगा कि जिस स्थान पर राम जन्मभूमि है उसी जगह भव्य राम मंदिर बने। भागवत ने कहा कि अगर ऐसा हो गया कि हिंदू और मुस्लिमों के बीच झगड़े का एक बड़ा कारण खत्म हो जाएगा। यह काम अगर सद्भावना से हुआ तो मुस्लिमों की ओर उठने वाली अंगुलियों में बड़ी कमी आएगी।

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गाय के नाम पर हिंसा में दोहरा मापदंड: संघ प्रमुख

गौरक्षकों से जुड़े एक सवाल पर आरएसएस प्रमुख ने कहा कि गाय के नाम पर हिंसा के संदर्भ में 'दोहरे मापदंड' अपनाए जाते हैं। जब पशु तस्कर गौरक्षकों पर हमला करते हैं तो कोई 'आवाज' नहीं उठाता। उन्होंने यह भी कहा कि जो वास्तव में गाय की सेवा में संलिप्त हैं, जिनमें मुस्लिम महिलाएं भी शामिल हैं और वे गौशाला को संभालती हैं, उन्हें लिंचिंग की घटनाओं के साथ नहीं जोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि पशु तस्करों पर हमले होते हैं। लिंचिंग पर हंगामा मचता है, लेकिन जब गौ तस्कर हमला करते हैं और हिसा में संलिप्त होते हैं, तो इसपर कोई आवाज नहीं उठाता। हमें इस दोहरे मापदंड से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि गाय समेत किसी भी मुद्दे पर कानून अपने हाथ में लेना 'अनुचित' है और अपराध के लिए सजा दिए जाने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि 'गौरक्षा तो होनी चाहिए।'

हर हमले को लिंचिंग से नहीं जोड़ना : मोहन भागवत

भागवत ने कहा कि गाय की अवश्य रक्षा की जानी चाहिए। इसका संविधान में भी उल्लेख है। इसलिए इसपर कार्य होना चाहिए। लेकिन गाय रक्षा केवल कानून के जरिए ही नहीं हो सकती। गौ रक्षकों को निश्चित ही गाय को रखना चाहिए। अगर वे गाय को खुले में छोड़ देंगे तो, इससे परेशानी की स्थिति पैदा हो जाएगी। इसलिए गायों को संरक्षित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गाय पालन से लोगों में आपराधिक प्रवृत्ति कम होती है। भागवत ने कहा कि कई लोग देश में अच्छी गौशाला चला रहे हैं, और उसमें कई मुस्लिम भी शामिल हैं। पूरा जैन समुदाय गौरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। इसलिए उन्हें लिंचिंग से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।