केरल सबरीमाला मंदिर (
sabrimala temple ) को लेकर सुंदरन ने कहा कि यदि रीति-रिवाजों और परंपराओं को कानून की ओर से संरक्षित किया जा सकता है, तो यह अच्छा है। भक्तों को सड़कों पर घसीटना उचित नहीं है। इससे पहले भी हमने केंद्र से इस बारे में कानून पारित करने का अनुरोध किया था।
केरल सीएम पिनराई विजयन: कुछ लोग जानबूझकर योग को धर्म से जोड़ रहे हैं, जो गलत है उच्चतम न्यायालय ने दिया था आदेशआपको बता दें कि पिछले वर्ष उच्चतम न्यायालय ने सभी आयु वर्ग की महिलाओं को सबरीमाला ( Sabrimala Issue ) में प्रवेश की अनुमति देने वाला आदेश दिया था। इसके बाद कई स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया था। कई श्रद्धालुओं को इसमें चोटें भी आई थीं।
यही वजह है कि राज्य सरकार ने भगवान अयप्पा की पूजा अर्चना के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था की रक्षा के लिए केंद्र सरकार से कानून बनाने की मांग की थी। ये अपील राज्य सरकार ने कोल्लम से सांसद एन के प्रेमचंद्रन की ओर से भगवान अयप्पा के मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के लिए लोक सभा में एक निजी विधेयक लाने की कवायद की पृष्ठभूमि में की है। यह विधेयक इस सप्ताह लोक सभा में आ सकता है।
सुंदरन ने कहा कि सबरीमाला का मुद्दा ( Sabrimala Issue ) एक निजी विधेयक के रूप में केन्द्र सरकार के समक्ष आने वाला है। सब को पता है कि निजी विधेयक का भविष्य क्या होता है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति दोबारा नहीं आए यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य बीजेपी नेतृत्व को केन्द्र से एक कानून लाने और कानूनी संरक्षण सुनिश्चित करने की मांग करनी चाहिए।
दुनिया भर में मनाया जा रहा योग दिवस, PM Modi ने कहा- जाति और धर्म से परे है योग क्या होता है निजी विधेयक सरकार की संसदीय प्रणाली में निजी सदस्य बिल कार्यकारिणी शाखा की तरफ से काम नहीं कर रहे किसी सदस्य की ओर से प्रस्तुत विधेयक होता है। “निजी सदस्य बिल” वेस्ट्मिन्स्टर प्रणाली के अधिकार क्षेत्र में काम में लिया जाता है, जहां “निजी सदस्य” ऐसा कोई भी सांसद हो सकता है जो मंत्रिमण्डल (कार्यकारिणी) का भाग नहीं है।
कुछ संसदीय कार्यप्रणालियों में इसका थोड़ा भिन्न शीर्षक भी काम में लिए जाते हैं। जैसे स्कॉट्लैण्ड और न्यूज़ीलैण्ड की संसदों में इसे मेंबर्स बिल (सदस्य विधेयक) कहा जाता है।