Emergency in India देश में आपातकाल की 48वीं बरसी है। जनता के साथ नेता भी इस काला दिन कहकर याद कर रहे हैं। इंदिरा गांधी को आपातकाल लगाने की सलाह एक बंगाली व्यक्ति के साथ चार अन्य व्यक्तियों ने दी थी। जानें वो कौन लोग थे...
देश में आज ही के दिन आपातकाल लगा था। वह काला दिन जिसकी घोषणा इंदिरा गांधी ने की थी। आपातकाल को 48 वर्ष बीत चुके हैं। 25 जून 1975 की रात किसी को भुलाए नहीं भुलती है। आज भी नेता कांग्रेस पार्टी के इस कदम की निंदा करते है। पर कभी सोचा कि वो कौन आदमी था जिसने आपातकाल लगाने की तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी को सलाह दी थी। इसमें अहम भूमिका एक बंगाली व्यक्ति के साथ चार और लोगों की रही है। यह पांच वो व्यक्ति थे जिनकी वजह से देश के करोड़ों लोग अपने अधिकारों से महरूम रह गए थे। जानें इनके बारे में...
सिद्धार्थ शंकर रे कौन हैं जानें
जिस बंगाली व्यक्ति की आपातकाल लगाने की सलाह देने में अहम भूमिका रही है, उनका नाम था सिद्धार्थ शंकर रे। सिद्धार्थ शंकर रे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी देशबंधु चित्तरंजन दास के पोते थे। पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री सिद्धार्थ शंकर रे ने आपातकाल लगाने में बड़ी भूमिका अदा की थी। सिद्धार्थ शंकर रे ने ही इंदिरा गांधी को आपातकाल लगाने की सलाह दी थी।
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आपातकाल को सिद्धार्थ शंकर रे ने सही ठहराया
आपातकाल का प्रस्ताव तैयार करने से लेकर वरिष्ठ नेताओं तक को मनाने का काम सिद्धार्थ शंकर रे ने ही किया था। 2009 में एक इंटरव्यू में सिद्धार्थ शंकर रे ने आपातकाल को सही भी ठहराया था। सिद्धार्थ शंकर रे ने कहा था कि उस वक्त चारों तरफ अफरातफरी मची हुई थी और उसे कंट्रोल करने के लिए आपातकाल जरूरी था।
कानूनविद् के साथ अच्छे वक्ता
सिद्धार्थ शंकर रे ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत बिधान चंद्र रॉय के मंत्रिमंडल के सदस्य के रूप में शुरू की थी। सिद्धार्थ शंकर रे कानूनविद् के साथ-साथ अच्छे वक्ता भी थे। बंगाल की राजनीति से निकलकर जल्द ही वे केंद्र में सक्रिय हो गए।
बांग्लादेश युद्ध में भी अहम रोल अदा किया
सिद्धार्थ शंकर बांग्लादेश युद्ध के दौरान रे ने मीडिएटर की भूमिका निभाई। बांग्लादेश मुक्ति सेना और भारत सरकार के बीच कॉर्डिनेशन का काम करते थे। इंदिरा गांधी के करीबी होने की वजह से उन्हें बंगाल का मुख्यमंत्री भी बनाया गया।
अमेरिका में राजदूत बनाए गए
सिद्धार्थ शंकर रे कांग्रेस की तरफ से बंगाल के आखिरी मुख्यमंत्री बने। 1977 में इंदिरा की हार के बाद सिद्धार्थ शंकर रे ने सक्रिय राजनीति छोड़ दी। हालांकि, वर्ष 1986 में उन्हें पंजाब का राज्यपाल बनाया गया। नरसिम्हा राव की सरकार के दौरान वे अमेरिका में राजदूत भी बने।
बाकी चार लोग ये थे .....
2. बंसीलाल - हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री और संजय गांधी के करीबी।
3. संजय गांधी - आपातकाल लगाने को लेकर अपनी मां को मनाने का काम संजय गांधी ने ही किया था।
4. इंदिरा गांधी - राजनारायण के मुकदमे में हारने के बाद इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया था।
5. फखरुद्दीन अली अहमद - 1974 में फखरुद्दीन अली अहमद राष्ट्रपति थे। आपातकाल उन्हीं के समय लगा था।