
Video: भाजपा नेता स्वामी बोले- थरूर को 'लोगों की अदालत' में निंदा की जानी चाहिए
नई दिल्ली। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन को लेकर राजनेता एक दूसरे पर राजनैतिक हमले कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस ने एनआरसी ड्रॉफ्ट के खिलाफ लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है, तो भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि जो भारतीय नागरिक नहीं हैं उन्हें बाहर भेज दिया जाना चाहिए। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, 'जो भारतीय नहीं हैं उन्हें बाहर भेज दिया जाना चाहिए, भारत कोई धर्मशाला नहीं है।' बता दें कि मामले पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज जो एनआरसी लिस्ट जारी की गई है वो सिर्फ मसौदा है अंतिम लिस्ट नहीं है। उधर असम कांग्रेस के अध्यक्ष रिपुन बोरा का कहना है कि 40 लाख लोग बहुत बड़ी संख्या है और उनका नागरिकता में नाम न होना बहुत चौंकाने वाले हैं। इसके पीछे बीजेपी की राजनीतिक मंशा हो सकती है। उन्होंने कहा कि हम संसद में इस मुद्दे को उठाएंगे।
तीन दिन के दिल्ली दौरे पर ममता बनर्जी
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज से दिल्ली के तीन दिन के दौरे में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात करने वाली हैं। ममता की यह मुलाकात उनकी फेडरल फ्रंट बनाने की कवायद का हिस्सा माना जा रहा है। ममता असम में Patrika .com/tags/nrc/">NRC रजिस्टर के मुद्दे पर भी केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करेंगी। NRC के मुद्दे पर टीएमसी के सांसद असम भी जाने वाले हैं।
'सरकार बनी तो बंगाल में भी लाएंगे NRC'
बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी की सरकार आती है असम की तरह ही बंगाल में भी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ नेता एनआरसी को लेकर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं क्योंकि उन्हें अपनी वोट बैंक की राजनीति के खत्म होने का अंदेशा है। उन्होंने कहा कि इस बात की चिंता अब सबसे ज्यादा ममता बनर्जी को है। ऐसा इसलिए कि वो मुस्लिमपरस्त राजनीति करती हैं और प्रदेश में सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने में लगी है। उनके राज में हिंदुओं को डराने का किया जाता है।
40 लाख अवैध नागरिक
आपको बता दें कि असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का अंतिम मसौदा सोमवार को जारी कर दिया गया। ऐसा करने वाला असम देश का पहला राज्य बन गया है। एनआरसी में असम के 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम हैं। 40 लाख लोगों को अवैध करार दिया गया है। अब वो भारतीय नागरिक नहीं रहे।
Published on:
31 Jul 2018 11:21 am
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