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महाराष्ट्र: 129 नगराध्यक्ष, 3300 नगरसेवक… भाजपा की आंधी में उड़ा विपक्ष, शिंदे की शिवसेना बनी दूसरे नंबर की पार्टी

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जनता का विशेष रूप से आभार जताते हुए कहा कि लोगों ने एक साल पहले विधानसभा चुनाव में दिए गए जनादेश को दोहराया है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Dec 21, 2025

BJP wins Maharashtra local body Elections

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Photo: IANS)

महाराष्ट्र नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और महायुति के शानदार प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने राज्य की जनता का आभार व्यक्त किया है। रविवार को चुनाव परिणामों पर अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए फडणवीस ने इसे विकास की जीत और संगठन व सरकार के साझा प्रयासों का परिणाम बताया।

अब तक आंकड़ों के मुताबिक, महायुति 200 से अधिक सीटों पर जीत चुकी है, जबकि एमवीए महज 50 सीटों पर सिमटती दिख रही है। भाजपा 120 से ज्यादा सीटों पर आगे है और दूसरे नंबर पर शिवसेना है जो 55 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। शिवसेना महाराष्ट्र में नंबर दो पार्टी बनकर उभरी है। शिंदे की शिवसेना ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) की तुलना में पांच गुना अधिक सीटें जीती हैं। उद्धव सेना 10 का आंकड़ा भी नहीं पार कर सकी है।

फडणवीस बोले- विकास के एजेंडे पर मिली 'महा-विजय'

नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए सीएम फडणवीस ने कहा कि यह चुनाव पूरी तरह से 'सकारात्मक विकास एजेंडे' पर लड़ा गया था। उन्होंने कहा, "मैंने अपने पूरे अभियान के दौरान किसी भी राजनीतिक नेता या पार्टी की आलोचना नहीं की। हमने केवल अपने काम और भविष्य की योजनाओं के आधार पर वोट मांगे। यह पहली बार है जब 100% सकारात्मक बातों पर जनता ने भरपूर आशीर्वाद दिया।"

बीजेपी ने बनाए जीत के रिकॉर्ड

इस चुनाव में बीजेपी एक बार फिर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। फडणवीस ने इस जीत को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि बीजेपी के लगभग 3,300 पार्षद निर्वाचित हुए हैं, जो पार्टी के इतिहास में एक रिकॉर्ड है। बीजेपी से करीब 129 नगर परिषद अध्यक्ष (नगराध्यक्ष) चुने गए हैं। सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन (बीजेपी, शिंदे सेना, अजित पवार गुट) ने 75% स्थानीय निकायों में अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया है। जबकि राज्य के कुल निर्वाचित पार्षदों में से 48% पार्षदों अकेले बीजेपी के चुनाव चिह्न पर जीते हैं।

पार्टी नेतृत्व को दिया जीत का श्रेय

फडणवीस ने इस सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि अमित शाह, जेपी नड्डा, नितिन गडकरी जैसे वरिष्ठ नेताओं के भरोसे और प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले की टीम व कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत ने इस प्रचंड जीत को संभव बनाया है।

उन्होंने सहयोगियों (शिंदे और अजित पवार गुट) के साथ सौहार्दपूर्ण समन्वय की भी प्रशंसा की, जिसके कारण कई जगहों पर मैत्रीपूर्ण मुकाबले के बावजूद गठबंधन को मजबूती मिली।

मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र की जनता का विशेष रूप से आभार जताते हुए कहा कि लोगों ने एक साल पहले विधानसभा चुनाव में दिए गए जनादेश को दोहराया है। उन्होंने भरोसा जताया कि आगामी नगर निगम चुनावों में भाजपा को और बड़ी सफलता मिलेगी। गौरतलब है कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC Election) समेत राज्य के 29 नगर निगमों के चुनाव 15 जनवरी को होंगे और मतगणना अगले दिन की जाएगी।

जनता ने बता दिया असली शिवसेना कौन है- शिंदे

महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव में महायुति की प्रचंड जीत पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, "मैं मतदाताओं को बधाई देता हूं। अकेले शिवसेना ने विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी द्वारा जीती गई कुल सीटों से ज्यादा सीटें जीती हैं। भाजपा ने सेंचुरी बनाई और शिवसेना ने हाफ-सेंचुरी बनाई।“

उन्होंने उद्धव ठाकरे व विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अकेले शिंदे सेना की सीटें महाविकास अघाड़ी में शामिल सभी दलों की कुल सीटों से अधिक हैं। शिवसेना को मिला यह बड़ा जनादेश मतदाताओं के विश्वास का प्रमाण है। आज के नतीजों ने यह साफ कर दिया है कि असली शिवसेना कौन सी है।

ठाणे में पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा, शिवसेना (शिंदे गुट) का स्ट्राइक रेट विधानसभा और लोकसभा की तरह ही निकाय चुनाव में भी बेहतरीन रहा है। उन्होंने कहा कि पूरी महाविकास आघाड़ी की सीटों को जोड़ लिया जाए, तब भी अकेली शिवसेना (शिंदे गुट) उससे आगे है। जनता ने बता दिया है कि असली शिवसेना कौन है। खुद मतदाताओं ने असली शिवसेना पर मुहर लगा दी है।

उन्हें जनता ने घर बैठा दिया- शिंदे

उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष करते हुए शिंदे ने कहा, "कुछ लोग पार्टी को अपनी जागीर समझते थे और कार्यकर्ताओं को नौकर, लेकिन हमने दिखाया कि शिवसेना कार्यकर्ताओं का सम्मान करने वाली पार्टी है। जिन लोगों ने कार्यकर्ताओं को निकाय चुनावों में अकेला छोड़ दिया और घरों से बाहर नहीं निकले, उन्हें मतदाताओं ने घर पर बैठा दिया है।"