मोदी सरकार के 4 वर्षें के बारे में और रोचक बातें जानने के लिए यहां क्लिक करें। पीएम के प्रयासों को माना सार्थक कदम
अगर पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के काम की तुलना तत्कालीन पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिक और अब निर्मला सीतारमण के कामों से की जाए तो उनके काम जमीनी स्तर पर बदलाव के संकेत देने वाले हैं। इस दौरान सरकार ने अपने वादे को निभाते हुए लंबे समय से लंबित वन रैंक वन पेंशन को भी लागू किया। पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने जमीनी स्तर पर काम किए और पाक को उसी की भाषा में जवाब देते हुए सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए करारा जवाब दिया। समुद्री सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए आइएनएस विक्रांत सहित कई अन्य युद्धपोत भी लॉन्च किए। भारतीय रक्षा तंत्र को मजबूती देने के लिए न केवल रक्षा बजट में बढ़ोतरी की बल्कि रणनीतिक तौर पर हथियारों की खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने का काम भी किया। आपातकालीन रक्षा स्टॉक खरीदने के लिए कई कदम उठाए गए। यही कारण है हथियार खरीदने के मामले में भारत दुनिया के दो प्रमुख राष्ट्रों में से एक हो गया है।
अगर पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के काम की तुलना तत्कालीन पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिक और अब निर्मला सीतारमण के कामों से की जाए तो उनके काम जमीनी स्तर पर बदलाव के संकेत देने वाले हैं। इस दौरान सरकार ने अपने वादे को निभाते हुए लंबे समय से लंबित वन रैंक वन पेंशन को भी लागू किया। पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने जमीनी स्तर पर काम किए और पाक को उसी की भाषा में जवाब देते हुए सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए करारा जवाब दिया। समुद्री सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए आइएनएस विक्रांत सहित कई अन्य युद्धपोत भी लॉन्च किए। भारतीय रक्षा तंत्र को मजबूती देने के लिए न केवल रक्षा बजट में बढ़ोतरी की बल्कि रणनीतिक तौर पर हथियारों की खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने का काम भी किया। आपातकालीन रक्षा स्टॉक खरीदने के लिए कई कदम उठाए गए। यही कारण है हथियार खरीदने के मामले में भारत दुनिया के दो प्रमुख राष्ट्रों में से एक हो गया है।
फौजी भाईयों का रखा ख्याल
पत्रिका ऑनलाइन सर्वेक्षण में ये बातें भी सामने आई हैं कि पिछले चार साल में जल, थल, वायु सभी क्षेत्रों में कार्यरत जवानों के वेतन, पेंशन भुगतान, मुआवजे की राशि व अन्य सुविधाओं के मामले में सरकार ने बेहतर काम किया है। 56 फीसदी लोगों ने केंद्र सरकार को मनमोहन सरकार से बेहतर बताया है। जबकि 39 फीसदी लोगो ने खराब तो 5 फीसदी लोगों ने स्पष्ट रूप से कोई राय जाहिर नहीं की।
पत्रिका ऑनलाइन सर्वेक्षण में ये बातें भी सामने आई हैं कि पिछले चार साल में जल, थल, वायु सभी क्षेत्रों में कार्यरत जवानों के वेतन, पेंशन भुगतान, मुआवजे की राशि व अन्य सुविधाओं के मामले में सरकार ने बेहतर काम किया है। 56 फीसदी लोगों ने केंद्र सरकार को मनमोहन सरकार से बेहतर बताया है। जबकि 39 फीसदी लोगो ने खराब तो 5 फीसदी लोगों ने स्पष्ट रूप से कोई राय जाहिर नहीं की।
हथियारों की खरीद में आई तेजी
इसी तरह जब रक्षा खर्च और हथियारों की खरीद के मसले पर सवाल पूछे गए तो जवाब में लोगों ने कहा कि न केवल हथियारों की खरीद प्रक्रिया में तेजी आई है बल्कि सरकार ने बजट में भी संतोषजक इजाफा किया है। इस मामले में 61 फीसदी लोगों ने वर्तमान सरकार को पहले से बेहतर बताया। जबकि 36 फीसदी ने निराशा जाहिर की और 3 फीसदी लोगों ने स्पष्ट रूप से राय जाहिर नहीं की।
इसी तरह जब रक्षा खर्च और हथियारों की खरीद के मसले पर सवाल पूछे गए तो जवाब में लोगों ने कहा कि न केवल हथियारों की खरीद प्रक्रिया में तेजी आई है बल्कि सरकार ने बजट में भी संतोषजक इजाफा किया है। इस मामले में 61 फीसदी लोगों ने वर्तमान सरकार को पहले से बेहतर बताया। जबकि 36 फीसदी ने निराशा जाहिर की और 3 फीसदी लोगों ने स्पष्ट रूप से राय जाहिर नहीं की।
मोदी सरकार के 4 वर्षें के बारे में और रोचक बातें जानने के लिए यहां क्लिक करें। देश की सीमाएं सुरक्षित
पीएम मोदी सरकार के नेतृत्व में हमारा देश सुरक्षित है या नहीं पर पूछे सवालों के जवाब में 56 फीसदी लोगों ने कहा कि देश की सुरक्षा को लेकर लोगों का विश्वास पहले की तुलना में काफी बढ़ा है। खासकर सर्जिकल स्ट्राइक और डोकलाम पर भारत के सख्त रवैये ने देश की जनता में स्वाभिमान को बढ़ाने का भी काम किया है। इस प्रश्न के जवाब में 56 फीसद लोगों ने मोदी सरकार की तारीफ की है। 38 फीसदी लोग आज भी नहीं मानते कि देश की सीमाएं सुरक्षित हैं। जबकि 6 फीसदी लोगों ने राय देना उचित नहीं समझा।
पीएम मोदी सरकार के नेतृत्व में हमारा देश सुरक्षित है या नहीं पर पूछे सवालों के जवाब में 56 फीसदी लोगों ने कहा कि देश की सुरक्षा को लेकर लोगों का विश्वास पहले की तुलना में काफी बढ़ा है। खासकर सर्जिकल स्ट्राइक और डोकलाम पर भारत के सख्त रवैये ने देश की जनता में स्वाभिमान को बढ़ाने का भी काम किया है। इस प्रश्न के जवाब में 56 फीसद लोगों ने मोदी सरकार की तारीफ की है। 38 फीसदी लोग आज भी नहीं मानते कि देश की सीमाएं सुरक्षित हैं। जबकि 6 फीसदी लोगों ने राय देना उचित नहीं समझा।