
Pratapgarh News : जिले में गत दिनों से मौसम में हो रहे परिवर्तन के कारण फसलों में नुकसान होने लगा है। ऐसे में किसानों की भी चिंता बढ़ती जा रही है। खास रूप से अति संवेदनशील फसल अफीम को लेकर इन दिनों किसान चिंतित नजर आ रहे है। कांठल में काले सोने के रूप में पहचान रखने वाली अफीम की बड़ी ही संवेदनशील फसल है। इन दिनों मौसम में बदलाव होने के कारण किसान हर तरह के जतन कर अफीम की फसल को बचाने में लगा हुआ है। जिले में दो बार की हुई मावठ की बारिश और अब आसमान में दिनभर छाए रहे बादल की वजह से अफीम फसल में नुकसान होने की आशंका सता रही है। जिले में कुछ स्थानों पर अफीम की फसल मावठ की बारिश के कारण प्रभावित हुई है जिसके कारण अफीम की फसल पीली पडऩे लगीं है।
अरनोद क्षेत्र में गत दिनों सर्दी और शीतलहर के कारण फसलों नुकसान की संभावना बढ़ गई है। गांव के पन्नालाल धनगर ने बताया कि इन दिनों फसलों पर फूल आने की अवस्था चल रही है। लेकिन गत दिनों से सर्दी और शीतलहर के कारण फूलों पर असर हो रहा है। इस संबंध में दवाई का भी छिड़काव किया गया। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ है।
मेरियाखेड़ी में गत दिनों से सर्दी का असर बढ़ गया है। ऐसे में पहाड़ी इलाके में मंगलवार सुबह कई जगह पाले का असर देखा गया। फसलों पर बर्फ की परत जम गई। इसके साथ ही सर्दी का असर ज्यादा बढ़ गया। वहीं दूसरी ओर सुबह से गलन वाली हवा भी दिनभर रही। दिनभर सर्द हवा से लोगों को काफी परेशानी हुई। रात में शीतलहर और बर्फानी हवा के कारण सर्दी का जोर अधिक दिखाई दिया।
अफीम की सुरक्षा के जतन
जिले में शीतलहर और तेज हवा के कारण अफीम में फसल में नुकसान की आशंका है। इसी आशंका को ध्यान में रखते हुए अफीम किसानों द्वारा इन दिनों अलग-अलग क्षेत्रों में जुगाड़ एवं जतन कर अफीम की फसल को जमीन पर गिरने से बचाने के उपाय किए जा रहे हैं। अफीम के चारों ओर तार की जाली बांधी जा रही है। जिससे कोई भी जीव-जंतु अफीम की खेती के अंदर ना जा सके। वहीं कई किसान रात-रात जागकर भी खेत की निगरानी भी रखते नजर आ रहे है।
Published on:
18 Jan 2024 12:59 pm
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