प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा किया जाता हैं। जिससे उन्हें फसल नुकसान की स्थिति में मुआवजा मिल सकें। फसल बीमा के लिए कृषक अंतिम तिथि 31 जुलाई है।
Rajasthan: किसानों को आर्थिक सहायता पहुंचाने व आत्म निर्भर बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा किया जाता हैं। जिससे उन्हें फसल नुकसान की स्थिति में मुआवजा मिल सकें। फसल बीमा के लिए कृषक अंतिम तिथि 31 जुलाई है। इस दौरान किसान अपनी खरीफ फसलों का बीमा करवा सकेंगे।
प्रतापगढ़ जिले में खरीफ फसलों के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड को अधिकृत किया गया है। जिले में खरीफ की फसलों में सोयाबीन, मक्का, उड़द तथा वाणिज्यिक फसल कपास व मूंगफली को अधिसूचित किया गया है। इस वर्ष की खरीफ फसलों की कृषक द्वारा देय प्रीमियम 2 प्रतिशत है। जबकि रबी फसलों की किसानों द्वारा देय प्रीमियम दर 1.5 व वाणिज्यिक फसलों की 5 प्रतिशत प्रीमियम दर है। ऋणी व अऋणी किसान 31 जुलाई तक फसलों का बीमा करवा सकते हैं।
फसल कटाई के बाद आगामी 14 दिनों तक खेत में सुखाने के लिए रखी गई अधिसूचित फसल को चक्रवात, चक्रवाती वर्षा, बेमौसमी वर्षा, ओलावृष्टि से क्षति होने पर बीमित किसान व्यक्तिगत आधार पर बीमा क्लेम के लिए दावा कर सकता है। प्रभावित बीमित फसल के कृषक को आपदा के 72 घंटे के अंदर सीधे भारत सरकार की ओर से संचालित कृषि रक्षक पोर्टल और हेल्पलाइन 14447 पर अथवा क्रॉप इंश्योरेंस ऐप अथवा लिखित में बैंक, कृषि अधिकारियों के माध्यम से सूचना आवश्यक है।
खड़ी फसल (बुवाई से कटाई) में सूखा, लंबी सूखा अवधि, बाढ़, जल प्लावन, कीट एवं व्याधि, भू-स्खलन, बिजली गिरने से प्राकृतिक आग, तूफान, ओलावृष्टि और चक्रवात के कारण उपज में नुकसान प्रमुख है।
फसल प्रीमियम सोयाबीन 1065.40 मक्का 753.62 उड़द 1260.66 मूंगफली 2416.48 कपास 1603.60 प्रीमियम प्रति हैक्टेयर रुपए में
इसके साथ ही खरीफ फसल में जो ऋणी कृषक अपनी फसलों का बीमा नहीं करवाना चाहते हैं। वे 24 जुलाई तक बैंक में ऑप्ट आउट फॉर्म भरकर दे सकते हैं। वही अपनी फसलों में परिवर्तन के इच्छुक किसान 29 जुलाई तक बैंक को लिखित में दे सकते हैं।
अऋणी कृषक सीएससी के माध्यम से आवश्यक दस्तावेज के साथ बीमा करा सकेंगे। जिसमें बैंक डायरी, जमाबंदी, आधार कार्ड, बुवाई प्रमाण पत्र तथा किरायेदार, बंटाईदार कृषक इन दस्तावेजों के अलावा मूल निवास प्रमाण पत्र, भू-मालिक आधार कार्ड व सौ रुपए के नॉन ज्यूडिशियल स्टाप पर किरायानामा स्वयं प्रमाणित समस्त दस्तावेज प्रस्तुत कर फसलों का बीमा करवा सकते हैं। प्रेरित गालव, जिला समन्वयक, भारतीय कृषि बीमा कंपनी
प्राकृतिक प्रकोप के कारण फसलों में नुकसान होने लगा है। नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को फसलों का बीमा कराना चाहिए। इस बार जिले में पांच फसलों के लिए भारतीय कृषि बीमा कंपनी को अधिकृत किया गया है। किसान ३१ जुलाई से पहले बीमा कराएं। बंशीधर मीणा, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग, प्रतापगढ़