
रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के चचेरे भाई और एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह की मौजूदगी में दोनों बेटों शिवराज प्रताप सिंह उर्फ बड़े राजा और बृजराज प्रताप सिंह उर्फ छोटे राजा को उनके पिता की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक की सदस्यता दिलाई गई।
यह सदस्यता कार्यक्रम कुंडा के बाबूगंज स्थित पार्टी मुख्यालय में हुआ, जहां पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. केएन ओझा और प्रदेश अध्यक्ष विनोद सरोज भी उपस्थित रहे। जिलाध्यक्ष राम अचल वर्मा ने दोनों युवाओं को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण करवाई।
राजा भैया के दो बेटियां और दो बेटे जिनमें दोनों जोड़े जुड़वा हैं। पत्नी भानवी सिंह से पारिवारिक विवाद के चलते बेटियां मां के साथ रहती हैं, जबकि दोनों बेटे राजा भैया के साथ रहते हैं। हालांकि राजनीति में आधिकारिक तौर पर प्रवेश अब हुआ है, लेकिन शिवराज और बृजराज पहले से ही राजनीतिक कार्यक्रमों और रैलियों में अपने पिता के साथ नजर आते रहे हैं। विशेषकर पिछले विधानसभा चुनावों में वे प्रचार के दौरान बेहद सक्रिय दिखे थे।
इन दोनों का जन्म वर्ष 2003 में हुआ था, उस समय जब राजा भैया पर मायावती सरकार ने पोटा (POTA) के तहत कार्रवाई की थी और उन्हें जेल भेज दिया गया था। उस दौरान राजा भैया को लगभग दस महीने जेल में रहना पड़ा था। इस कारण वह अपने नवजात बेटों को लंबे समय तक देख नहीं सके।
मायावती उस समय भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री थीं। लेकिन जब राजनीतिक समीकरण बदले और भाजपा ने समर्थन वापस लिया, तब मुलायम सिंह यादव ने सरकार बनाई। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ ही समय बाद मुलायम सिंह ने राजा भैया पर लगे पोटा जैसे गंभीर आरोप हटाने के निर्देश दिए और बाद में उन्हें अपनी कैबिनेट में भी शामिल किया।
राजा भैया के बेटों की राजनीतिक शुरुआत को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई चर्चाएं शुरू हो गई हैं। यह देखा जाना दिलचस्प होगा कि क्या वे भी अपने पिता की तरह जनता के बीच लोकप्रियता हासिल कर सकेंगे।
Published on:
25 Apr 2025 06:43 pm
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