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उत्तराखंड के वॉटरफॉल में नहाकर आए शक्स के नाक में हुई हलचल, आपरेशन करने पर दंग रह गए डॅाक्टर

प्रयागराज के सिशील नाम के मरीज को बाएं नाक में काफी गहराई में दर्द हो रहा था। इसके बाद सिशील ने नाक कान एवं गला सर्जन डॉ० सुभाष चंद्र वर्मा से संपर्क किया। जानिए फिर क्या हुआ।

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ENT surgeon Dr. Subhash Chandra Verma

ईएनटी विभाग के सर्जन डॉ. सुभाष चंद्र वर्मा।

प्रयागराज: आज जून दिन सोमवार को नाज़रेथ अस्पताल में एक मरीज जिसका नाम सिशील है, की नाक का दूरबीन विधि द्वारा ऑपरेशन करके एक जीवित फॉरेन बॉडी (जोक) को सफलतापूर्वक निकाला गया। मरीज की एक नाक से कई दिनों से रक्त बह रहा था और नाक के अंदर अजीब सी हलचल भी महसूस हो रही थी।

जब मरीज को नाज़रेथ अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया और जांच की गई, तो पता चला कि एक जिंदा जोक उसके बाएं नाक में काफी गहराई में, टर्बिनेट के पीछे छिपा हुआ था और धीरे-धीरे वहाँ से रक्त को चूस रहा था। इस ऑपरेशन को अस्पताल के ईएनटी विभाग के सर्जन डॉ० सुभाष चंद्र वर्मा ने दूरबीन विधि द्वारा बिना आस-पास की सामान्य संरचना को नुकसान पहुँचाए हुए सुगमता से अंजाम दिया। शुक्र है कि जोक नाक के रास्ते दिमाग या आँख में नहीं गया।

इस सफल ऑपरेशन को अंजाम देने वाली टीम में एनेस्थेटिस्ट डॉ० एस बी सिंह, सिस्टर अन, सिस्टर शिनू, डॉ० अनिर्विना आदि सम्मिलित रहे।

वरिष्ठ नाक कान एवं गला सर्जन डॉ० सुभाष चंद्र वर्मा ने बताया कि मरीज उत्तराखंड के एक वॉटरफॉल के रुके हुए पानी में 2 हफ्ते पहले नहाया था। तालाब या पोखरे में नहाने वाले लोगों के शरीर के बाहरी हिस्सों में जोक चिपकी हुई तो देखने में मिल जाती है, लेकिन नाक के अंदर जोक का मिलना एक अद्भुत और दुर्लभ घटना है।