27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बांके बिहारी कॉरिडोर पर हाईकोर्ट सख्त, ध्वस्तीकरण योजना पर मांगा राज्य सरकार से जवाब

बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर निर्माण के तहत वृंदावन की पारंपरिक 'कुंज गलियों' और आसपास के मंदिरों को ध्वस्त करने की प्रस्तावित योजना को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है।

less than 1 minute read
Google source verification

Banke Bihari Corridor: वृंदावन बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर निर्माण के तहत वृंदावन की पारंपरिक 'कुंज गलियों' और आसपास के मंदिरों को ध्वस्त करने की प्रस्तावित योजना को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 3 जुलाई को निर्धारित की गई है।

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति मदन पाल सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश मथुरा निवासी पंकज सारस्वत की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया। याचिकाकर्ता ने वर्ष 2023 में याचिका दायर करते हुए मांग की थी कि कॉरिडोर निर्माण के दौरान वृंदावन के धार्मिक और सांस्कृतिक स्वरूप से कोई छेड़छाड़ न की जाए।

इससे पहले नवंबर 2023 में हाईकोर्ट ने बांके बिहारी कॉरिडोर परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी, लेकिन मंदिर के देवता के बैंक खाते से 262.50 करोड़ रुपये के उपयोग पर रोक लगा दी थी।

अब कोर्ट ने राज्य सरकार से स्पष्ट किया है कि कॉरिडोर के निर्माण के लिए किसी भी ध्वस्तीकरण योजना पर वह अपना पक्ष पेश करे। याचिका में यह भी सवाल उठाया गया है कि क्या इस तरह का विकास धार्मिक विरासत को नुकसान पहुंचा सकता है।