महिला अधिवक्ता ने हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस व रजिस्ट्रार जनरल को एक ई-मेल के जरिए लेटर पिटिशन भेजकर मामले में दखल दिए जाने की मांग की गई। उनका मानना है कि सीबीआई दबाव में आकर मामले की जांच कर सकती है और कुछ तथ्यों को अनदेखा भी कर सकती है। सीबीआई टीम की जांच में जो भी सामने आएगा, उसपर कुछ लोग विश्वास करेंगे, तो कुछ सवाल उठा सकते हैं। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी पर देश के अधिकतर लोगों को भरोसा है, लेकिन कुछ लोगों में जांच को लेकर आशंका भी है। दिवंगत नरेंद्र गिरि के लाखों-करोड़ों अनुयायी हैं, उनकी आस्था नरेंद्र गिरि से जुड़ी थी, लेकिन जिन हालातों में उनका शव मिला, उससे कई सवाल व शक पैदा हो रहा है।
सहर नकवी की लेटर पिटिशन में जांच एजेंसी सीबीआई व यूपी सरकार के गृह विभाग को पक्षकार बनाया गया है। सहर नकवी का कहना है कि अदालतों पर न सिर्फ जनता भरोसा करती है बल्कि अदालतों को मंदिर में उनकी आस्था भी है। ऐसे में हाईकोर्ट अपनी निगरानी में सीबीआई जांच कराती है, तो वह समय-समय पर रिपोर्ट मांग सही दिशा निर्देश दे सकती है, जिससे लोगों का जांच में विश्वास बना रहेगा। जांच रिपोर्ट पर किसी को शक नहीं होगा। साथ ही लाखों सनातन धर्मी श्रद्धालुओं व दूसरे आस्थावान लोगों की भावनाओं को ठेस भी नहीं पहुंचेगी। तमाम श्रद्धालुओं व आम जनमानस की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह पत्र याचिका दाखिल की गई है। लेटर पिटीशन यदि मंजूर की गई तो हाईकोर्ट इस मामले में आगामी दो दिनों में फैसला ले सकती है।