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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुकदमे की मांग वाली याचिका की खारिज

निचली अदालत ने याची की परिवाद चलाने की अर्जी को क्षेत्राधिकार के आधार पर खारिज कर दिया था जिसके विरुद्ध यह याचिका दाखिल की गई। मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा निचली अदालत के आदेशों में कोई वैधानिक त्रुटि नहीं है। दोनों आदेश में ठोस निष्कर्ष निकाला गया है। कोर्ट ने कहा याची अधिवक्ता है। उसकी सात सितंबर 2021 की अर्जी न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुकदमे की मांग वाली याचिका की खारिज

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुकदमे की मांग वाली याचिका की खारिज

प्रयागराज: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुकदमे की मांग वाली याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए याचिका खारिज कर दी। यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने मऊ जिले के नवल किशोर शर्मा की याचिका पर दिया है।

मामले में निचली अदालत ने याची की परिवाद चलाने की अर्जी को क्षेत्राधिकार के आधार पर खारिज कर दिया था जिसके विरुद्ध यह याचिका दाखिल की गई। मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा निचली अदालत के आदेशों में कोई वैधानिक त्रुटि नहीं है। दोनों आदेश में ठोस निष्कर्ष निकाला गया है। कोर्ट ने कहा याची अधिवक्ता है। उसकी सात सितंबर 2021 की अर्जी न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है। जिसके लिए कोर्ट ने याची पर पांच हजार रुपए हर्जाना लगाया है।

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विवादित भाषण को बनाया आधार

मऊ जिले के रहने वाले नवल किशोर शर्मा ने याचिका में अधीनस्थ अदालतों के आदेशों को चुनौती दी है। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व एजीए प्रथम एके संड ने याचिका का विरोध किया। याचिका में कहा गया है कि 28 नवंबर 2018 को राजस्थान में अलवर जिले के मालाखेड़ा में चुनावी सभा के दौरा प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजरंगबली को लेकर जो भाषण दिया, उसे धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाला बयान था।

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